
पहले विधानसभा चुनाव में टिकट, फिर सरकार में मंत्री पद की रेस से बाहर होने वाले बीजेपी नेता अब संगठन में पदाधिकारी बनने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं. योगी सरकार के गठन के बाद अब 2024 के चुनाव से पहले संगठन में समायोजन के लिए जमीन तैयार हो गई है. इसमें वे नाम सबसे आगे दिखाई पड़ रहे हैं जो योगी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री रहे हैं. ये नेता संगठन में उन पदों को पाने की कोशिश में हैं जो पदाधिकारियों के मंत्री बनने से खाली हुए हैं.
यूपी में प्रदेश अध्यक्ष कौन बनेगा, इस बात पर सबकी नजर है. लेकिन योगी आदित्यनाथ के पहले कार्यकाल में मंत्री रहे कई चेहरे अपने लिए संगठन में सम्मानजनक जगह तलाश रहे हैं. इन नेताओं के समर्थक उनके लिए कहीं भी माहौल बनाते देखे जा सकते हैं. योगी 1.0 के कई मंत्रियों को अलग-अलग वजह से इस कार्यकाल में शामिल नहीं किया गया है. इनमें श्रीकांत शर्मा, सिद्धार्थ नाथ सिंह, महेंद्र सिंह, सतीश द्विवेदी, सुरेश राणा, अशोक कटारिया, नीलकंठ तिवारी, सुरेश पासी, उपेंद्र तिवारी, स्वाति सिंह, आनंद स्वरूप शुक्ला जैसे नाम हैं जो इस समय खाली बैठे हैं. 2024 से पहले संगठन के लक्ष्य की अहमियत को देखते हुए ये पूर्व मंत्री अब संगठन में ही समायोजन का इंतजार कर रहे हैं.
दो ब्राह्मण चेहरे प्रदेश अध्यक्ष की रेस में
दरअसल, इन पूर्व मंत्रियों को इसलिए भी संगठन में समायोजन की आस है क्योंकि ये अलग-अलग जातीय और क्षेत्रीय संतुलन के हिसाब से भी संगठन के पदों पर दावेदारी कर सकते हैं. विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भी जहां डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा और ताकतवर मंत्री रहे श्रीकांत शर्मा बाहर हैं तो प्रदेश अध्यक्ष के लिए इन दोनों के नाम की चर्चा शुरू से होती आ रही है.
इन चेहरों को भी अहम पद मिलने की उम्मीद
वहीं पश्चिमी यूपी का प्रमुख चेहरा होने के नाते सुरेश राणा को भी संगठन में अहम जिम्मेदारी मिलने की उम्मीद है. इसके अलावा, सतीश द्विवेदी, उपेंद्र तिवारी और आनंद स्वरूप शुक्ला जैसे पूर्व मंत्री ब्राह्मण और युवा होने की वजह से समायोजन के लिए उपयुक्त बताए जा रहे हैं. स्वाति सिंह को भी कोई जिम्मेदारी मिलने की बात की जा रही है.
दो प्रदेश उपाध्यक्ष के लिए जगह खाली
यहां ये महत्वपूर्ण है कि बीजेपी 'एक व्यक्ति एक पद सिद्धांत' को फॉलो करती है, इसलिए नई सरकार के गठन के साथ संगठन में कई पद खाली होने हैं. जेपीएस राठौड़ इस समय प्रदेश महामंत्री हैं. उनके योगी सरकार में मंत्री बन जाने के बाद ये पद खाली होगा. वहीं, अरविंद कुमार शर्मा और दयाशंकर सिंह दोनों प्रदेश उपाध्यक्ष हैं, इन दोनों के भी मंत्री बन जाने के बाद प्रदेश में दो उपाध्यक्ष के पद खाली होने हैं.
निगम और मंडल में भी एडजस्ट होने की संभावना
प्रदेश संगठन में जगह नहीं मिलने पर आयोग और निगम के अध्यक्ष पद पर भी पूर्व मंत्रियों के समायोजन की गुंजाइश दिख रही है. स्वाति सिंह को टिकट नहीं मिला, मगर महिला आयोग में अध्यक्ष पद को लेकर चर्चा हो रही है. इधर, बेबी रानी मौर्य भी प्रदेश सरकार में मंत्री बन गई हैं. अभी वो पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. ऐसे में खासतौर पर सिद्धार्थ नाथ सिंह और श्रीकांत शर्मा के राष्ट्रीय टीम में जाने को लेकर भी चर्चा है. राष्ट्रीय स्तर पर यूपी से एक-दो और चेहरों का समायोजन हो सकता है.
2024 के लिए मजबूत टीम की जरूरत
बताते चलें कि 2024 में मोदी के रथ को यूपी में आगे ले जाने और यूपी से ज्यादा से ज्यादा सीट पाने के लिए भी प्रदेश को मजबूत टीम की जरूरत है. इन पूर्व मंत्रियों के पक्ष में ये बात भी जाती है कि भले ही ये मंत्री पद से बाहर हो गए हों, मगर उनकी सरकार और संगठन को लेकर समझ का लाभ लोकसभा चुनाव में मिल सकता है.