
कोरोना वैक्सीन की शार्टेज के बीच भारत सरकार जल्द ही बड़ा फैसला ले सकती है. उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में भी स्वदेशी कोविड वैक्सीन 'कोवैक्सीन' का उत्पादन करने की तैयारी है. बिबकॉल यानी कि भारत इम्यूनलॉजिकल बायोलॉजिकल लिमिटेड कंपनी को वैक्सीन उत्पादन के लिए इजाजत देने पर बात चल रही है.
बिबकॉल, बुलंदशहर जिला मुख्यालय से 9 किलोमीटर दूर चोला गांव के निकट स्थित है. यह कंपनी अभी पोलिया वैक्सीन का उत्पादन कर रही थी. भारत सरकार ने बिबकॉल की स्थापना 1989 में रूस के सहयोग से की थी. यहां साल 1995-96 से पोलियो वैक्सीन का उत्पादन हो रहा है.
अब भारत सरकार कोविड वैक्सीन के तेजी से उत्पादन में बिबकॉल की मदद ले सकती है. बताया जा रहा है कि 30 करोड़ रुपये भारत सरकार ने सेंशन कर दिए हैं. हालांकि, इसकी अभी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि इस पैसे से मेडिकल संसाधन जुटाने के लिए कहा गया है. बिबकॉल में हर महीने 10 करोड़ वैक्सीन के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है.
बिबकॉल के सहायक महाप्रबंधक सुनील शर्मा ने कहा कि टेक्नोलॉजी, इक्विपमेंट्स, रॉ मैटेरियल आदि को लेकर बैठकों का दौर शुरू हो चुका है, जल्द ही कोविड वेक्सीन का निर्माण चोला स्थित बिबकॉल से होगा. माना जा रहा है कि अगस्त-सितंबर तक इस दिशा में सार्थक परिणाम सामने आएंगे और कोवैक्सीन का उत्पादन होना शुरू हो जाएगा.