
उत्तर प्रदेश में नए मदरसों को अब कोई अनुदान नहीं मिलेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस फैसले पर मुहर लगा दी. योगी सरकार के पिछले कार्यकाल में भी अनुदान नहीं दिया गया था. अब कैबिनेट ने भी इस प्रस्ताव को पास कर दिया है. यहां तक कि कोर्ट जाकर भी मदरसों को कोई राहत नहीं मिलेगी. इस सरकार ने अखिलेश सरकार की नीति को खत्म कर दिया है. यूपी में मौजूदा समय में 558 मदरसों को सरकारी अनुदान दिया जा रहा है.
दरअसल, समाजवादी पार्टी की सरकार ने साल 2003 तक मान्यता प्राप्त 146 मदरसों को अनुदान सूची में शामिल करने का फैसला लिया था. उसके बाद इस सूची में 100 मदरसे शामिल कर लिए गए लेकिन फिर भी 46 बच गए. अनुदान न मिलने पर यही बाकी बचे 46 मदरसों ने अदालतों का दरवाजा खटखटाया.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एक मदरसे को अनुदान सूची में शामिल भी किया गया, लेकिन साथ ही अब कैबिनेट ने पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार के फैसले को पलट दिया. इसके बाद बाकी बचे मदरसों को अनुदान नहीं दिया जाएगा.
गौरतलब है कि प्रदेश के मदरसों में पिछले महीने राष्ट्रगान को भी अनिवार्य किया गया था. इस आदेश के तहत राज्य के सभी मान्यता प्राप्त अनुदानित और गैर अनुदानित मदरसों में कक्षाएं शुरू होने से पहले शिक्षकों और छात्र-छात्राओं को राष्ट्रगान का गायन अनिवार्य रूप से करना होगा. बता दें कि उत्तर प्रदेश में इस वक्त कुल 16461 मदरसे हैं, जिनमें से 558 को सरकार से अनुदान मिलता है.