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मेरठ से हिंदुओं के पलायन पर बोले योगी आदित्यनाथ- अब हमारी सत्ता, ऐसा नहीं होगा

उत्तर प्रदेश के मेरठ से हिन्दू परिवारों के कथित पलायन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रतिक्रिया दी है. सीएम योगी ने कहा कि अब हम सत्ता में आ गए हैं, अब कौन पलायन करेगा? उन्होंने कहा कि कुछ लोग निजी वजहों से इलाका छोड़ सकते हैं, लेकिन पलायन जैसी कोई बात नहीं है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फोटो-एएनआई) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फोटो-एएनआई)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 जून 2019,
  • अपडेटेड 1:29 PM IST

उत्तर प्रदेश के मेरठ से हिन्दू परिवारों के कथित पलायन पर राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रतिक्रिया दी है. सीएम योगी ने कहा कि अब हम सत्ता में आ गए हैं, अब कौन पलायन करेगा? उन्होंने कहा कि कुछ लोग निजी वजहों से इलाका छोड़ सकते हैं, लेकिन पलायन जैसी कोई बात नहीं है.

बता दें कि खबरें आई थी कि मेरठ शहर के लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र के अंतर्गत प्रह्लादनगर में 200 हिन्दू परिवारों में कुछ अपना घर छोड़कर जा रहे हैं, या कुछ जा चुके हैं. वहां पर कई मकानों और प्लाट्स पर 'बिकाऊ है' लिखा है. इन परिवारों ने कथित रूप से दूसरे परिवारों पर परेशान करने का आरोप लगाया है. हालांकि पुलिस और प्रशासन का कहना है कि सामूहिक पलायन जैसी कोई बात नहीं है और ये मामला आपसी विवाद का है.

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रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सहारनपुर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मेरठ से कोई पलायन नहीं हुआ है. सीएम योगी ने कहा, "मेरठ से कोई पलायन नहीं है, उत्तर प्रदेश में हम लोगों के आने के बाद कौन पलायन करेगा...सबसे संवेदनशील कैराना और कांधला था, कैराना में 2017 से पहले क्या स्थिति थी...अब क्या स्थिति है. कुछ लोग उल्टा आरोप लगाना चाहते हैं, हमलोग के रहते हुए प्रदेश के अंदर कोई पलायन नहीं हो सकता है...मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि प्रदेश की 23 करोड़ की जनता की सुरक्षा की  जिम्मेदारी हमारी है."

सीएम ने कहा कि कुछ लोगों की स्थानीय समस्या हो सकती है. उन्होंने कहा कि अफसरों को निर्देश दिया गया है कि इस आपसी विवाद को भी मिल बैठकर सुलझाया जाए.

मेरठ के प्रह्लादनगर में रहने वाले लोगों का आरोप है कि यहां पर बहुसंख्यक समाज की महिलाओं से छेड़छाड़, पर्स और चेन स्नैचिंग की घटनाएं अक्सर होती रहती है. अगर विरोध किया जाता है तो मारपीट की नौबत आ जाती है. इन घटनाओं की वजह से इनका यहां रहना मुश्किल हो गया है. स्थानीय लोगों ने कहा कि उन्होंने पुलिस प्रशासन से ऐसे असमाजिक तत्वों के खिलाफ लगाम लगाने के लिए अर्जी दी थी, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं आया.

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