
उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों को लेकर सियासी गहमागहमी बढ़ती जा रही है. विपक्षी दलों समेत तमाम विरोधी खेमे राज्य की मौजूदा सरकार पर ब्राह्मण विरोधी होने के आरोप लगा रहे हैं, साथ ही ब्राह्मणों के पक्ष में आवाज उठा रहे हैं. इसी कड़ी में मंगलवार को कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिंडल ने शामली जाकर पीड़ित ब्राह्मण परिवार से मिलने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें गाजियाबाद में ही रोक लिया गया.
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अपने ट्वीट में लिखा है, ''ब्राह्मणों के 'पीड़ित' परिवार से मिलने मैं 'शामली' जा रहा हूं लेकिन गाजियाबाद की पुलिस मुझे वहां जाने से रोक रही है, ये सरकार की 'तानाशाही' नहीं तो और क्या है, योगी जी कुछ तो 'शर्म' करो आप भी एक 'संत' हो, इतने 'निष्ठुर' कैसे हो गये.''
दरअसल, पश्चिमी यूपी के शामली में 24 अगस्त को बच्चों के खेल में दो पक्षों के बीच विवाद हो गया था. विवाद इतना बढ़ा कि फायरिंग तक बात पहुंच गई. इस फायरिंग में दो लड़कियों समेत एक ही परिवार के चार लोगों को गोलियां लगीं. फायरिंग में घायल संजय शर्मा व उसके परिवार की तरफ से मुकदमा दर्ज कराया गया. इसके बाद आरोपियों की गिरफ्तारियां भी हुईं. लेकिन बाद में गोलियों से घायल हुए परिवार के खिलाफ केस दर्ज किया गया. इसके विरोध में संजय शर्मा के परिवार ने पलायन करने के पोस्टर लगा दिए.
पलायन के पोस्टर लगने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया. कांग्रेस भी इसमें कूद पड़ी. 31 अगस्त को यूपी कांग्रेस की तरफ से कहा गया कि शामली के हसनपुर गांव में हालात का जायजा लेने के लिए कांग्रेस के डेलीगेशन का गठन किया गया है. इसमें आचार्य प्रमोद कृष्णम, पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक, प्रदीप माथुर, पूर्व मंत्री सतीश शर्मा, महासचिव योगेश दीक्षित और बदरुद्दीन कुरैशी शामिल हैं. 1 सितंबर को घटनास्थल पर जाकर पीड़ित परिवार से मिलने और पुलिस से जानकारी लेकर रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भेजने के लिए कहा गया था. इसी आदेश पर आज आचार्य प्रमोद कृष्णम के नेतृत्व डेलिगेशन शामली जा रहा था, लेकिन उन्हें रास्ते में ही रोक लिया गया.