
उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्षों के शपथ ग्रहण समारोह की जो तस्वीरें आईं, उन्होंने सबको हैरान कर दिया. शपथ ग्रहण समारोह के साथ-साथ इन नए चुने प्रतिनिधियों के सम्मान समारोह भी खूब हो रहे हैं. यहां भीड़ भी जुट रही है और कोरोना प्रोटोकॉल के तहत बनाए नियमों को ठेंगा भी दिखाया जा रहा है.
हैरानी की बात ये है कि कोरोना संकट को देखते हुए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ी सादगी और सीमित लोगों की मौजूदगी में अपने नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह करवाया, वहीं जिला पंचायत अध्यक्षों के शपथ ग्रहण और सम्मान समारोह का पूरा तामझाम बता रहा है कि नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधि, स्थानीय प्रशासन और खुद बीजेपी इस मामले में पीएम मोदी से भी सीख लेने को तैयार नहीं है.
यूपी में पंचायत से लेकर ब्लॉक प्रमुख का चुनाव जीत दर्ज करने वाले नेताओं का स्वागत सत्कार शुरू हो गया है. बीजेपी ने अपनी सभी जिला यूनिट्स से कहा है कि इस कार्यक्रम को भव्य तरीके से किया जाए. जिला पंचायत अध्यक्ष, पंचायत सदस्य और ब्लॉक प्रमुख बने लोगों को मान सम्मान देकर पार्टी एक बड़ा मैसेज देना चाहती है. यही वजह है कि इलाके के सांसदों, मंत्रियों और विधायकों की भी इस मौके पर मौजूदगी देखने को मिल रही है.
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सम्मान समारोह में उड़ रहीं कोविड नियमों की धज्जियां
सोमवार से यूपी के तमाम जिलों में स्वागत और सत्कार के कार्यक्रम शुरू हो गए हैं. इनके बहाने बीजेपी पार्टी के पक्ष में माहौल बनाना चाहती है, लेकिन जिस तरह से इन आयोजनों में कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं, वो कई सवाल खड़े करती हैं. लोग न तो मास्क लगाए नजर आए और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हुआ. रायबरेली के ओम होटल में सोमवार को बीजेपी के जिला पंचायत सदस्यों और ब्लॉक प्रमुखों का सम्मान समारोह हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर योगी सरकार में मंत्री गिरीश पांडेय मौजूद थे. इस दौरान कोराना नियमों का पालन नहीं किया गया.
मास्क तक नहीं लगा रहे हैं नेता
इसी तरह बरेली के संजय कम्युनिटी हॉल में सोमवार को जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुखों के सम्मान में बीजेपी द्वारा एक कार्यक्रम रखा गया. इसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार मुख्य अतिथि थे. आलम यह था कि भीड़ की वजह से संजय कम्युनिटी हॉल में कदम रखने तक की जगह नहीं थी. अधिकतर लोगों ने मास्क नहीं पहना था. सोशल डिस्टेंसिंग तो यहां संभव ही नहीं थी.
मेरठ में भी तोड़े गए कोरोना नियम
मेरठ में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के नेताजी सुभाषचंद्र बोस प्रेक्षागृह में सोमवार को जिला पंचायत अध्यक्ष का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित हुआ, जिसमें बीजेपी ने भीड़ जुटाकर खुला शक्ति प्रदर्शन किया. एक-एक जिला पंचायत सदस्यों के साथ सात से आठ गाड़ियों में उनके समर्थक आए थे, जिसके चलते हॉल खचाखच भर गया. जिला पंचायत अध्यक्ष, सदस्यों के शपथ ग्रहण समारोह में प्रशासन और भाजपाई ये भी भूल गए कि प्रदेश में जिला पंचायत चुनाव के बाद ही कोरोना तेजी से फैला था.
पंचायत चुनाव के बाद बेकाबू हुआ था कोरोना संकट
बता दें कि यूपी में पंचायत चुनाव सबसे बड़ा कोरोना स्प्रेडर साबित हुआ था. इसी चुनाव के बाद कोरोना गांवों में फैला और तेजी से लोग संक्रमित हुए. हजारों लोगों की मौत हुई. इसके बावजूद प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने भीड़ को नहीं रोका. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भीड़ से बचाने के लिए इस बार यूपी में प्रधानों की वर्चुअल शपथ कराई थी. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कैबिनेट विस्तार में भी काफी सावधानी बरती और न तो मीडिया को एंट्री दी और न ही अतिरिक्त गेस्ट बुलाए गए.
नए मंत्रियों को उनके इलाकों में भी नहीं जाने दिया गया, जिससे कि उनके स्वागत और सत्कार के जश्न में कोरोना के नियम न टूटें. लेकिन कोरोना से बचाव का पीएम मोदी और सीएम योगी का अनुशासन पंचायत चुनाव जीते नेताओं की शपथ और स्वागत में धुआं हो रहा है.
क्यों कार्यकर्ता बरत रहे लापरवाही?
इस बारे में उत्तर प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी कहते हैं कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन सभी को करना चाहिए. कोरोना की महामारी जिस तरह से रही है, उसे हम लोगों ने झेला है. ऐसे में सभी को कोरोना नियमों और मास्क का पालन हर हाल में करना चाहिए. दूसरा पक्ष यह है कि उत्तर प्रदेश में बहुत बड़ी संख्या में लोगों ने वैक्सीनेशन करा लिया है. जनप्रतिनिधि और राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने सबसे पहले वैक्सीन लगवाई है. इसी के चलते कई बार इस तरह की लापरवाही दिखी है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश के करीब 42 जिले ऐसे हैं, जहां कोरोना का एक भी मरीज नहीं है. ऐसी ही जगहों पर कुछ लापरवाही हुई है. इसके बावजूद हम कहेंगे कि कोरोना प्रोटाकॉल और सोशल डिस्टेंसिंग भी जरूरी है. कार्यकर्ताओं को सतर्क रहना चाहिए और उन्हें हर हाल में कोरोना नियमों का पालन करना चाहिए, क्योंकि कोरोना प्रोटाकॉल का पालन किए बगैर इससे नहीं निपटा जा सकता. मैं यही कहूंगा कि बीजेपी कार्यकर्ता खुद भी पालन करें और लोगों से भी इसका पालन कराएं.