Advertisement

UP: तंग किसानों ने आवारा पशुओं को स्कूल में किया बंद, अफसर बोलीं- कार्रवाई करेंगे

आवारा पशुओं को एकत्र करके ग्रामसभा में स्थित एक सरकारी स्कूल में कैद कर दिया और बाहर से स्कूल का गेट बंद कर दिया. किसानों का कहना है कि आवारा पशु मौका पाते ही पूरा का पूरा झुंड बनाकर खेतों में घुसकर फसल को चट जाते हैं, जिससे उनकी गाढ़ी कमाई बर्बाद हो रही है.

बेहाल किसानों ने आवारा गोवंश को सरकारी स्कूल में बंद किया. बेहाल किसानों ने आवारा गोवंश को सरकारी स्कूल में बंद किया.
प्रशांत पाठक
  • हरदोई,
  • 30 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 10:38 PM IST
  • आवारा पशुओं से परेशान हैं किसान
  • गोवंश को सरकारी स्कूल में किया कैद

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में आवापा पशुओं का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. आवारा पशुओं को सरकारी भवनों में कैद करने के मामले भी लगातार सामने आ रहे हैं. गुरुवार को ही जनपद के एक गांव में तंग किसानों ने इन आवारा गोवंश को एक सरकारी स्कूल में बंद कर दिया. मौके पर पहुंचे राजस्व विभाग के अमले ने इन पशुओं को आश्रय शाला भिजवाया है. हालांकि, सरकार ने इन आवारा गोवंशों को पशु आश्रय शाला में पहुंचाने का फरमान दिया था, लेकिन उस फरमान के बाद भी ग्रामीणों को इन आवारा गोवंशों से राहत नहीं मिल रही है.  

Advertisement

जनपद की तहसील सवायजपुर में थाना पाली के धानी  नगला गांव में दर्जनों किसानों ने अन्ना पशुओं के लगातार खेत में जाने के कारण उनको एकत्र करके ग्रामसभा में स्थित एक सरकारी स्कूल में कैद कर दिया और बाहर से स्कूल का गेट बंद कर दिया. किसानों का कहना है कि आवारा पशु मौका पाते ही पूरा का पूरा झुंड बनाकर खेतों में घुसकर फसल  को चट जाते हैं, जिससे उनकी गाढ़ी कमाई बर्बाद हो रही है.

सरकारी स्कूल में कैद गोवंश

इस घटना की जानकारी के बाद सरकारी अमले ने मौके पर पहुंचकर आवारा पशुओं को स्कूल से निकाला और आश्रयशाला भेजा. वहीं, प्रशासन इस मामले में अपनी नाकामी छिपाते हुए इन आवारा गोवंशों को पड़ोसी जिले का बताकर इनसे बदहाल किसानों पर कार्रवाई करने का भी दावा कर रहा है. 

Advertisement

किसानों पर होगी कार्रवाई

जनपद की अपर जिलाधिकारी वंदना त्रिपाठी का कहना है कि धानी नगला गांव में सीमावर्ती जनपद से कुछ आवारा पशु घुस आए थे. ग्रामीणों ने उनको पकड़ लिया था और वहां के प्राथमिक विद्यालय में उनको बंद कर दिया था. मामला संज्ञान में आया तो तत्काल ही मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी और उप जिला अधिकारी को मौके पर भेजा गया था. जांच के बाद उन पशुओं को बहुत ही सुरक्षित तरीके से हटाते हुए पास की गौशाला में स्थानांतरित कर दिया गया है. साथ ही जिन्होंने इस तरह का काम किया है, उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई करने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं.

महिला अधिकारी के मुताबिक, इस तरह से कार्रवाई नहीं की जा सकती कि आप किसी सरकारी संस्थान में गतिविधियों को बाधित करें. इसमें सुसंगत विधिक कार्रवाई प्रस्तावित की गई है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement