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इटावा: बाढ़ में ढह गया घर, अब बच्चों के साथ श्मशान में रहने को मजबूर परिवार

कुछ लोग ऐसे भी रहे जिनका घर तो तबाह हुआ ही, इसके अलावा उनके पास रहने की कोई जगह भी नहीं रही. ताजा मामला इटावा के चकरनगर तहसील में डीभौली गांव का है जहां पर एक परिवार श्मशान घाट में रहने को मजबूर हो गया है.

श्मशान में रहने को मजबूर परिवार श्मशान में रहने को मजबूर परिवार
aajtak.in
  • इटावा,
  • 13 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 6:25 PM IST
  • यूपी में बाढ़ से स्थिति विक्राल
  • बच्चों के साथ श्मशान में रहने को मजबूर परिवार

बाढ़ की त्रासदी से कई परिवार बेघर हुए तो कई परिवार अपने घरों को छोड़कर दूसरी जगह पलायन कर गए. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी रहे जिनका घर तो तबाह हुआ ही, इसके अलावा उनके पास रहने की कोई जगह भी नहीं रही. ताजा मामला इटावा के चकरनगर तहसील में डीभौली गांव का है जहां पर एक परिवार श्मशान घाट में रहने को मजबूर हो गया है.

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यूपी में बाढ़ से स्थिति विक्राल

जानकारी मिली है कि ज्ञान सिंह का परिवार यमुना नदी के पास खेतों में कच्चा घर बनाकर रह रहा था. लेकिन रात में अचानक बाढ़ आ जाने से घर में पानी घुस गया और सबकुछ बह गया.आनन-फानन में गृहस्थी को बचाने के लिए मवेशियों को निकाला गया और फिर पूरा परिवार पुल के पास बने अंत्येष्टि स्थल पर रहने चला गया.


इस बारे में पीड़ित ज्ञान सिंह बताते हैं कि उनके 5 बच्चे हैं और वह मजदूरी करके अपना पेट पालते थे. लेकिन बाढ़ की त्रासदी में उनकी गृहस्थी का बहुत सा सामान बह गया और दो बकरियां भी उनकी पानी में समा गईं. वे परिवार सहित यमुना पुल के पास बने अंत्येष्टि स्थल पर पहुंच गए, कहीं ठिकाना नहीं मिला तो उन्होंने श्मशान स्थल को ही अपना आशियाना बना लिया.

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श्मशान घाट में रह रहे लोग

ज्ञान सिंह की पत्नी ममता देवी भी इस समय खासा परेशान हैं. श्मशान में खाना बनाना एक तरफ चुनौतीपूर्ण हैं तो वहीं दूसरी तरफ वे इसमें सहज भी नहीं हैं. उन्होंने कहा है कि गृहस्थी का सामान चकिया चूल्हा सब कुछ पानी में समा गया, खत्म हो गया है. किसी तरह से एक रिश्तेदार ने गैस का चूल्हा और सिलेंडर भिजवाया है. जिस जगह पर अंतिम संस्कार होता रहा, उसी स्थान पर बच्चों को डर लगता है. उनको ना तो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का घर मिला, ना ही पंचायत की तरफ से किसी प्रकार का शौचालय प्राप्त हुआ था.

अब ऐसी स्थिति इसलिए पैदा हुई क्योंकि समय रहते लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाके से बाहर नहीं निकाला गया. लेकिन अब जब लोग दर-दर भटकने को मजबूर हैं, तब उन्हें कही से भी मदद मिलती नहीं दिख रही. ग्रामीण कार्य निर्माण के अध्यक्ष भरोसा दे रहे हैं कि वे सरकार से बात कर इस परिवार के लिए घर का इंतजाम करेंगे. उन्हें एक पक्का मकान दिया जाएगा. वहीं सांसद रामशंकर कठेरिया भी यही आश्वासन दे रहे हैं.

मदद का आश्वासन, लेकिन कब तक पता नहीं

उन्होंने जोर देकर कहा है कि जिस तरह बाढ़ में आपका नुकसान हुआ है, प्रशासनिक अधिकारियों से कह कर आपके लिए प्रधानमंत्री आवास के तहत घर और पंचायत से जो भी सुविधाएं मिलती हैं, वो सभी आपको दिलवाई जाएंगी. बाढ़ में जो भी नुकसान हुआ है उसकी भी भरपाई करवाई जाएगी.

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(अमित तिवारी की रिपोर्ट)

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