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गोरखपुर के इस गांव में हेल्थ सेंटर तक नहीं, कोरोना जैसे लक्षण से 2 महीने में 100 लोगों की गई जान

गोरखपुर के गौनर गांव में दो महीने में 100 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से अधिकतर पॉजिटिव रहे हैं तो वहीं बाकी को भी बुखार, सर्दी-खांसी के साथ सांस लेने में परेशानी रही है. हैरत की बात‍ ये है कि 15 हजार की आबादी वाले इस गांव में कोई भी प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र नहीं है. 

कोरोना के बीच हुई मौतों से लोगों में दहशत (सांकेतिक फोटो-PTI) कोरोना के बीच हुई मौतों से लोगों में दहशत (सांकेतिक फोटो-PTI)
गजेंद्र त्रिपाठी
  • गोरखपुर ,
  • 23 मई 2021,
  • अपडेटेड 11:35 AM IST
  • गोरखपुर के गौनर गांव में दो महीने में 100 लोगों की मौत
  • गांव में कोई भी प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र नहीं

कोरोना महामारी ने शहर से लेकर गांव तक कहर बरपा रखा है. शहर के बाद अब गांव में पांव पसार चुके कोरोना की रोकथाम के लिए तेजी से साफ-सफाई और सैनेटाइजेशन का अभियान चलाया जा रहा है. इस बीच यूपी के गोरखपुर के सरदार नगर ब्लॉक के गौनर गांव में पॉजिटव केस और मरने वालों का आंकड़ा चौकाने वाला है. यहां दो महीने में हुई 100 मौतों से लोग हैरान हैं. हैरत की बात‍ ये है कि 15 हजार की आबादी वाले इस गांव में कोई भी प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र नहीं है. 
 
गोरखपुर से 30 किलोमीटर दूर ऐतिहासिक चौरीचौरा तहसील के सरदार नगर ब्लॉक के गौनर गांव में दो महीने में 100 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से अधिकतर पॉजिटिव रहे हैं तो वहीं बाकी को भी बुखार, सर्दी-खांसी के साथ सांस लेने में परेशानी रही है. 

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गांव के हर घर में कोई न कोई पॉजिटिव है. यहां तक कि इस गांव के प्रधान भी पॉजिटिव हैं. यही वजह है कि यहां पर कोई न तो घर से निकलना चाहता है और न ही किसी से बात करना चाहता है. लोग अगल-बगल के घरों में जाने से भी डर रहे हैं, इसकी वजह भी साफ है दो महीने में हुई 100 मौतों ने इस गांव के लोगों में खौफ पैदा कर दिया है. 
 
गांव के रहने वाले पप्‍पू तिवारी बताते हैं कि इस गांव की आबादी 15 हजार है. वे कहते हैं कि दो महीने में अप्रैल से लेकर अब तक 100 लोगों की मौत हो गई है. इनमें से अधिकतर कोरोना से मरे हैं. ज्‍यादातर की मौत असामयिक ही है. टेस्टिंग होती, तो पता चलता कि मौत कैसे हुई.

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सरदार नगर ब्लॉक का गौनर गांव

पप्‍पू ने बताया कि यहां पर प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र भी नहीं है, यहां के प्रधान कैलाश निषाद को भी कोरोना हो गया है. वो भी आईसोलेशन में हैं. गांव में डर का माहौल है और अस्‍पताल में कहीं कोई जगह नहीं है. 
 
वहीं, गौनर गांव के बुजुर्ग मुन्‍ना प्रसाद मिश्र बताते हैं कि हर दूसरे-तीसरे दिन दो-तीन लोगों की मौत हो जाती है. यहां न अस्पताल है न कोई डाक्‍टर. प्राइवेट और झोला छाप डाक्‍टर नहीं होते तो और भी लोग खतरे में पड़ जाते. उन्होंने सीएम से गुहार लगाई इस ग्राम सभा में एक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र की व्‍यवस्‍था जरूर कराई जाए. 

रमाकांत शर्मा बताते हैं कि गांव में दो महीने में 100 लोगों की मौत हुई है. मौत कैसे हुई उन्‍हें जानकारी नहीं है. डर तो लग ही रहा है, कोरोना की वजह से डर लग रहा है. डर बना हुआ है क्‍यों और कैसे लोग मर रहे हैं, ये समझ में नहीं आ रहा. गांव के ही मेवा लाल निषाद बताते हैं कि यहां 80 प्रतिशत लोगों में डर और दहशत है.

इस मामले में ग्राम विकास अधिकारी सचिंद्र राव का कहना है कि इस गांव में लगभग 50 से 55 के बीच मौत हुई है, यह मौत का आंकड़ा तब से चल रहा है जब से कोरोना के सेकेंड वेव की शुरुआत हुई, मौत की वजह कोरोना ही है या कुछ और यह तो जांच का विषय है, लेकिन गांव वालों का डर जायज है.

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दो दिन पहले ही इस गांव में गोरखपुर के कमिश्नर ने चौपाल लगाई थी. इस गांव में पूरा मेडिकल महकमा जुटा था और सफाई कर्मचारी मिलकर पूरे गांव में सैनिटाइजिंग कर रहे थे. इसके साथ ही घर-घर में दवाइयां पहुंचाई जा रही थी. यह जिले का इकलौता गांव है, जहां कोरोना को लेकर अधिकारियों ने चौपाल लगाई थी.

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