
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्री संजय निषाद (Sanjay Nishad) की मुश्किलें बढ़ गई हैं. गोरखपुर सीजेएम कोर्ट ने यूपी के मंत्री संजय निषाद के खिलाफ गैर जमानती वारंट (Non Bailable Warrant) जारी किया है. कोर्ट ने कैबिनेट मंत्री संजय निषाद को गिरफ्तार कर 10 अगस्त तक पेश करने के आदेश दिए हैं.
उन पर 2015 में निषादों के आरक्षण देने की मांग के आंदोलन के दौरान उग्र होने पर मुकदमा दर्ज हुआ था. संजय निषाद पर भीड़ को भड़काने का आरोप है. इस आदेश के अनुपालन के जिम्मेदारी शाहपुर पुलिस को दी गई है.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में संजय निषाद की पार्टी बीजेपी की सहयोगी है. लोकसभा चुनाव 2019 से पहले दोनों दल साथ आए थे. संजय निषाद का एक बेटा सांसद तो दूसरा विधायक है. इसके अलावा संजय निषाद खुद विधान परिषद के सदस्य हैं.
कब का है मामला
ये मामला 7 साल पहले का है. 7 जून, 2015 को सरकारी नौकरी में निषादों को 5 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग को लेकर सहजनवा थाना इलाके के कसरवल में आंदोलन चल रहा था. रेलवे ट्रैक पर आंदोलनकारी बैठे थे. इस बीच, विवाद बढ़ा और पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. इस दौरान एक शख्स की मौत हो गई थी.
आरोप था कि पुलिस की गोली से मौत हुई है. इसके बाद आंदोलन और ज्यादा उग्र हो गया और आंदोलनकारी पुलिस से भिड़ गए. आंदोलनकारियों ने पुलिस की कई गाड़ियों को आग लगा दी थी. इस हिंसा में 24 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे. इसके बाद संजय निषाद समेत कई लोगों के खिलाफ बलवा, तोड़फोड़, आगजनी और अन्य संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया था.
पूरे देश में चर्चित रही घटना
संजय निषाद रातों रात चर्चा में आ गए थे. निषाादों का यह आंदोलन पूरे देश में चर्चित हुआ था. निषादों के आरक्षण को लेकर इसके बाद गोरखपुर में कई आंदोलन हुए.