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UP: टीले की खुदाई के दौरान मिली 1200 साल पुरानी भगवान विष्णु की अति दुर्लभ मूर्ति, देखने को उमड़ी भीड़

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले (UP Gorakhpur) में खुदाई के दौरान भगवान विष्णु की अति दुर्लभ प्राचीन मूर्ति मिली है. यह मूर्ति 1200 साल पुरानी बताई जा रही है. आसपास के लोगों को पता चला तो भारी भीड़ जमा हो गई. लोगों ने मूर्ति की पूजा शुरू कर दी. लोगों का कहना है कि जिस जगह पर मूर्ति निकली है, उस जगह पर मंदिर बनवाकर मूर्ति स्थापित की जानी चाहिए.

खुदाई में मिलीं प्राचीन मूर्तियां. (Photo: Aajtak) खुदाई में मिलीं प्राचीन मूर्तियां. (Photo: Aajtak)
aajtak.in
  • गोरखपुर,
  • 30 मई 2022,
  • अपडेटेड 4:36 PM IST
  • डीह की ऊंची जमीन में खुदाई के दौरान मिली मूर्ति
  • मूर्ति देखने के लिए लग रही भारी भीड़

यूपी में गोरखपुर (UP Gorakhpur) के विकास खंड गोला के बड़हलगंज थाना क्षेत्र में खुदाई के दौरान भगवान विष्णु की 9वीं शताब्दी की अति दुर्लभ मूर्ति मिली. मूर्ति देखने के लिए आस-पास के ग्रामीणों की भारी भीड़ जुट गई. आस-पास के गांव के लोगों ने मूर्ति को लाल कपड़े के आसन पर स्थापित कर सुबह-शाम पूजन-अर्चन शुरू कर दिया. ग्रामीण मूर्ति निकलने वाली जगह पर ही मंदिर बनाकर मूर्ति स्थापना की मांग कर रहे हैं.

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जानकारी के मुताबिक, गोरखपुर के गोला क्षेत्र के नीबी दूबे निवासी नेवास मौर्य का आनंदगढ़ उर्फ मुकुंदवार गांव के टोला कोड़ार उर्फ बघोर में डीह की जमीन है. जहां खेती की जाती है. भटनीपार निवासी जय सिंह यादव चार दिन पहले बीते गुरुवार को मजदूरों को लेकर ऊंचे स्थानों की खुदाई कर खेत समतल करा रहे थे. खेत के एक कोने में दो से तीन फीट की खुदाई के दौरान मजदूरों की कुदाल किसी ठोस चीज से टकराई, लेकिन मजदूरों ने इस पर ध्यान नहीं दिया. फिर से कुदाल चलाने पर दोबारा आवाज आई तो खोद कर देखा.

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खुदाई के दौरान तकरीबन डेढ़ फीट की मूर्ति लेटी निकली. मजदूरों ने खेत मालिक को जानकारी दी. खेत मालिक ने मूर्ति को साफ किया. यह भगवान विष्णु की अति दुर्लभ और आकर्षक मूर्ति है. इस बात की खबर लगते ही मूर्ति को देखने के लिए लोगों की भीड़ जुटने लगी. भटनीपार निवासी जयसिंह यादव ने मूर्ति को गांव के अखाड़ा मैदान पर आसन देकर रख दिया. गांव के लोगों ने पूजा-अर्चना शुरू कर दी. भगवान विष्णु की इस अति दुर्लभ मूर्ति में भगवान विष्णु के विराट रूप के साथ ही माता लक्ष्मी, हनुमान जी, गणेश जी व अन्य देवताओं की भी प्रतिमा है.

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प्राचीन टीलों को काटकर बनाया गया है खेत

ग्रामीण जय सिंह यादव, रामलाल यादव, रमेश यादव, वशिष्ठ यादव, मोनू मिश्र आदि का कहना है कि खेत वाले हिस्से में तकरीबन 20 से 30 फीट ऊंचे टीले थे, जिन्हें खोद कर समतल भूमि बना दी गई है. कुछ हिस्से अभी भी बचे हैं, जिनको खोदा जा रहा है. टीलों से बने खेतों से अभी भी प्राचीन ईंट, मटके आदि के टुकड़े निकलते रहते हैं.

इंटेक ने मूर्ति को बताया अति प्राचीन व दुर्लभ

भारतीय सांस्कृतिक निधि (इंटेक) गोरखपुर चैप्टर के संयोजक ई एमपी कांडोई व सह संयोजक आचिंत्य लोहड़ी ने मूर्ति की फोटो देखने के बाद कहा कि यह मूर्ति अतिप्राचीन, बहुमूल्य व दुर्लभ है. यह 9वीं-10वीं शताब्दी की भगवान विष्णु के विराट रूप की अति दुर्लभ मूर्ति लग रही है,  जो तकरीबन 1200 वर्ष पुरानी है. मूर्ति की ऐतिहासिकता को देखते हुए इसका पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षण किया जाना जरूरी है.

ग्रामीण बोले- जहां से निकले भगवान, वहां बने भगवान का भव्य मंदिर

आनंदगढ़ उर्फ मुकुंदवार गांव के कोड़ार उर्फ बघोर टोला में नेवास के खेत से अति दुर्लभ मूर्ति निकलने की बात फैली तो मूर्ति देखने के लिए ग्रामीणों की भारी भीड़ पहुंचने लगी. लोगों का कहना है कि भगवान विष्णु की मूर्ति जहां से निकली है, वह जगह दिव्य है. वहां भगवान का भव्य मंदिर बनाकर मूर्ति स्थापित करनी चाहिए. जिस जगह यह मूर्ति निकली, वहां से 6 किमी पश्चिम में सरयू नदी किनारे स्थित ग्राम सभा नरहन के चडीहार में काशी हिंदू विश्व विद्यालय के प्रोफेसर पुरुषोत्तम सिंह ने खुदाई करवाई थी. इसमें कुषाण काल के पूर्व की सभ्यता मिली थी.

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(रिपोर्टः विनीत पांडेय)

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