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यूपी कैबिनेट ने लिए कई फैसले, मिर्जापुर से भी जुड़ा एक आदेश हुआ पारित

यूपी कैबिनेट ने ‘जल जीवन मिशन’ के अंतर्गत बुंदेलखंड, विंध्य क्षेत्र और अन्य गांवों में शुद्ध पेयजल पहुंचाने की योजना से संबंधित प्रस्ताव भी पारित कर दिया.

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटोः पीटीआई) यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटोः पीटीआई)
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 30 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 9:42 PM IST
  • यूपी कैबिनेट की बैठक में 6 फैसले
  • 3 पेयजल परियोजनाओं को भी मंजूरी
  • भूमि उपयोग परिवर्तन शुल्क में भी कमी

उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट मीटिंग शुक्रवार को हुई. कैबिनेट मीटिंग में छह फैसले लिए गए, जिसमें मिर्जापुर के विंध्यवासिनी मंदिर में परिक्रमा मार्ग का निर्माण कराए जाने के प्रस्ताव पर भी मुहर लग गई. सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में इस परियोजना को लेकर आगे की प्रक्रिया के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत कर दिया गया.

बताया जाता है कि विंध्याचल स्थित मां विंध्यवासिनी मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए परिक्रमा मार्ग संकरा है. ऐसे में दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. विंध्यवासिनी मंदिर कॉरिडोर परिक्रमा मार्ग बन जाने से पर्यटकों के सुविधाओं में वृद्धि होगी और हादसे का खतरा भी कम होगा. मंदिर कॉरिडोर के लिए चारों तरफ से 50 फीट चौड़ाई वाला परिक्रमा पथ बनाए जाने की योजना है.

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यूपी कैबिनेट ने ‘जल जीवन मिशन’ के अंतर्गत बुंदेलखंड, विंध्य क्षेत्र और अन्य गांवों में शुद्ध पेयजल पहुंचाने की योजना से संबंधित प्रस्ताव भी पारित कर दिया. 200 करोड़ रुपये से अधिक की तीन परियोजनाओं को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. इनमें जालौन जिले के कोंच और डकार विकास खंड के सला ग्राम समूह पाइप पेयजल योजना, सोनभद्र के घोरावल और राबर्ट्सगंज के पटवध और पटवध-2 ग्राम समूह पाइप पेयजल योजना शामिल हैं. सोनभद्र जिले के चोपन विकासखंड के कदरा, नेवारी और हर्रा ग्राम समूह पाइप पेयजल योजना भी शामिल है. इन पाइप पेयजल योजनाओं से कुल 953 गांव लाभान्वित होंगे. 

विश्व बैंक की सहायता से प्रो-पुअर पर्यटन विकास परियोजना

यूपी कैबिनेट ने विश्व बैंक की सहायता से प्रो-पुअर पर्यटन विकास परियोजना को भी स्वीकृति दे दी है. इस परियोजना पर 57.14 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी करीब 371.43 करोड़ रुपये की लागत आएगी. इसमें 70 फीसदी विश्व बैंक और 30 फीसदी राज्य सरकार वहन करेगी. आगरा और मथुरा में 167 करोड़ रुपये की लागत से विकास कार्य कराए जाने थे. अब इस धनराशि से सारनाथ और कुशीनगर में विकास कार्य कराए जाएंगे.

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भूमि के उपयोग में परिवर्तन का शुल्क घटा

यूपी कैबिनेट ने कृषि भूमि के औद्योगिक भूमि के तौर पर उपयोग परिवर्तन का शुल्क कम करने पर भी मुहर लगा दी. अब भूमि का उपयोग परिवर्तन कराने पर 35 फीसदी की जगह 20 फीसदी शुल्क का भुगतान करना पड़ेगा. कैबिनेट ने यूपी नगर योजना और विकास (भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क का निर्धारण, उद्ग्रहण एवं संग्रहण) नियमावली-2014 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.

इसके अलावा कैबिनेट ने कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के जापान के वन एवं मत्स्य मंत्रालय के बीच मेमोरैंडम ऑफ कोऑपरेशन (एमओसी) पर हस्ताक्षर करने को भी मंजूरी दे दी. इसके अलावा यूपी कैबिनेट ने मुजफ्फरनगर के शुक्रताल में श्रीशुकदेव आश्रम स्वामी कल्याण देव सेवा ट्रस्ट को लीज पर दी गई पांच एकड़ वन भूमि के लीज का 30 साल के लिए नवीनीकरण करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी.

 

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