
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया. योगी सरकार ने अपने जवाब में कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून के मुताबिक कार्रवाई की गई. जिन लोगों ने अवैध निर्माण किया था, प्रशासन ने उन्हीं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की है.
यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने जवाब में कहा है कि जमीयत उलेमा ए हिंद याचिका दाखिल कर कोर्ट को गुमराह कर रही है. लिहाजा इस याचिका को सुनवाई योग्य न मानते हुए खारिज किया जाए. सरकार ने कोर्ट में कहा है कि जिन लोगों ने सरकारी जमीन पर कब्जा किया था, उन्हीं के खिलाफ कार्रवाई की गई है.
सहारनपुर में नाबालिग को नहीं किया हिरासत में
यूपी सरकार ने इस बात से इनकार किया कि सहारनपुर में अवैध अतिक्रमण हटाने के दौरान किसी नाबालिक बच्चे को हिरासत में लिया गया. सरकार ने कहा कि प्रयागराज में अवैध अतिक्रमण का मामला हाईकोर्ट में लंबित है, ऐसे में इसे सुप्रीम कोर्ट में लाने की जरूरत नहीं है. कानपुर में बुलडोजर मामले में तो याचिका में खुद ही मान लिया गया है कि निर्माण अवैध था. अब कोर्ट ने जमीयत की याचिका पर 2022 से पहले यूपी और अन्य राज्यों में इस तरह की कार्रवाई का ब्योरा मांगा है.
दरअसल, योगी सरकार ने हाल ही में यूपी के अलग अलग शहरों में हुईं हिंसाओं के बाद आरोपियों की अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर की कार्रवाई की थी. इन कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जमीयत उलेमा ए हिंद ने याचिका लगाई है. याचिका में कहा गया है कि यूपी सरकार जानबूझकर मुसलमानों पर एकतरफा कार्रवाई कर रही है.
पहले भी कोर्ट पहुंचा था मामला
इससे पहले दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के बाद आरोपियों की अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलाया गया था. इसके बाद जमीयत उलेमा ए हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात और दिल्ली को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था.