
उत्तर प्रदेश में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों, मौजूदा सीएम और मंत्रियों का इनकम टैक्स सरकारी खजाने से भरा जाता है. इस कानून के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार अब अपने 19 मुख्यमंत्रियों जिनमें से 18 पूर्व मुख्यमंत्री हैं, के आयकर भरेगी. साथ ही सरकार करीब 1000 मंत्रियों का इनकम टैक्स भी जमा करेगी. यह मुख्यमंत्री समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और बीजेपी समेत कांग्रेस पार्टी से रहे हैं.
जिन मुख्यमंत्रियों की तरफ से सरकार इनकम टैक्स जमा करेगी उनमें मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, मायावती,कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह, नारायण दत्त तिवारी और योगी आदित्यनाथ का नाम शामिल है. मुख्यमंत्रियों के इनकम टैक्स को अदा करने का यह बिल मुख्यमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह के समय में पास हुआ था.
मौजूदा समय में योगी आदित्यनाथ के सरकार के दौरान 2 साल में जितने भी मंत्री रहे हैं उनका इनकम टैक्स जो कि करीब 86 लाख रुपये है, उसे सरकार ने अदा किया है. अब बाकी पुरानी रकम जो कि मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों के नाम से जमा होनी है, उसे भी सरकार अदा करेगी.
चार दशक पुराने कानून में कहा गया है कि राज्य के सीएम और मंत्री अपनी कम वेतन के कारण इनकम टैक्स नहीं भर सकते और वे गरीब हैं. साल 1981 में जब विश्वनाथ प्रताप सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, उस वक्त यह कहते हुए बिल पास किया गया था कि ज्यादातर मंत्री और विधायक गरीब तबके से आते हैं. इसलिए जनता का प्रतिनिधि होने के नाते उनके इनकम टैक्स का भुगतान सरकारी खजाने से होना चाहिए.
अब उत्तर प्रदेश सरकार खजाने पर और भार डालते हुए जितने भी पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं और जितने भी मंत्री रहे हैं उन सब के आयकर का पैसा सरकारी खजाने से अदा करेगी. राज्य में ऐसे कई मंत्री हैं जिन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में बताया है कि उनके पास करोड़ों की चल और अचल संपत्ति है. वो महंगी गाड़ियों में घूमते हैं. मुख्यमंत्री और मंत्रियों का टैक्स भरने वाले उत्तर प्रदेश की गिनती देश के सबसे गरीब राज्यों में होती है.