
महिला अपराध को लेकर चौतरफा घिरी यूपी सरकार ने अब इलाहाबाद हाईकोर्ट से अनुरोध किया है कि सभी न्यायालयों में POCSO एक्ट से संबंधित मामलों का निपटारा प्राथमिकता के आधार पर किया जाए. यूपी सरकार ने साथ ही यह भी अनुरोध किया कि इसके लिए हाईकोर्ट की ओर से सभी जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को निर्देश जारी किए जाएं.
सरकार ने महिला सुरक्षा को लेकर विशेष अभियान चलाने का भी ऐलान किया है. यूपी में 17 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक महिला सुरक्षा को लेकर विशेष अभियान चलेगा. गौरतलब है कि प्रदेश की कई अदालतों में केवल रेप के ही 20 हजार से ज्यादा मामले लंबित हैं. इन मामलों पर सूबे की विभिन्न अदालतों में सुनवाई चल रही है.
कोरोना वायरस की महामारी के कारण कोर्ट का कामकाज भी बाधित हुआ था. हालांकि, कोरोना काल में न्यायिक प्रक्रिया में बाधाएं उत्पन्न होने के बाद भी प्रदेश में महिला अपराध से जुड़े 1835 मामलों का कोर्ट ने निपटारा किया. कोरोना काल में महिला अपराध से जुड़े मामलों में कोर्ट ने 612 मामलों में अभियुक्तों को सजा भी सुनाई.
बता दें कि हाथरस गैंगरेप को लेकर विपक्ष आक्रामक है. विपक्षी दल योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार को कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर घेरने में जुटे हैं. कांग्रेस की ओर से पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी लगातार हमलावर हैं, तो समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भी मोर्चा खोल रखा है.