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लखीमपुर खीरी: केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा बोले- घटनास्थल पर ना मैं मौजूद था और ना ही मेरा बेटा, मेरे ड्राइवर से की गई मारपीट

आजतक से बातचीत में उन्होंने कुछ समाज विरोधी तत्वों पर आरोप लगाया कि उन्होंने खुद को किसान के तौर पर पेश किया और यह बवाल हुआ जिसमें कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई.

बीजेपी सांसद अजय मिश्रा. (फोटो- सोशल मीडिया) बीजेपी सांसद अजय मिश्रा. (फोटो- सोशल मीडिया)
मोहित शर्मा
  • लखीमपुर खीरी,
  • 03 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 12:01 AM IST
  • मंत्री अजय मिश्रा बोले- यह शरारती तत्वों का काम
  • घटनास्थल पर ना मैं था ना ही मेरा बेटा: अजय मिश्रा

केंद्रीय गृह राज्‍यमंत्री अजय मिश्र टेनी ने उन आरोपों को खारिज किया है जिसमें कहा गया था कि कथित तौर पर जो गाड़ी किसानों के ऊपर चढ़ाई गई उसे, उनका बेटा चला रहा था.

आजतक से बातचीत में उन्होंने कुछ समाज विरोधी तत्वों पर आरोप लगाया कि उन्होंने खुद को किसान के तौर पर पेश किया और यह बवाल हुआ जिसमें कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई.

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टेनी ने कहा कि हमार कार्यकर्ता मुख्य अतिथि के स्वागत के लिए गए हुए थे, मैं भी उनके साथ था. उसी समय कुछ शरारती तत्वों ने काफिले पर हमला कर दिया जिसके चलते गाड़ी का चालक घायल हो गया और वह कार पर नियंत्रण खो बैठा.

बेटे पर लग रहे आरोप पर सफाई देते हुए, उन्होंने कहा कि कार्यक्रम ओपन एरिया में हो रहा था, हजारों लोग मौजूद थे, इस दौरान पुलिस और प्रशासन भी मौजूद था.मेरा बेटा भी वहां 11 बजे से मौजूद था और कार्यक्रम खत्म होने तक वो वहीं रहा.

टेनी ने यह दावा भी किया कि शरारती तत्वों ने पथराव किया और आगजनी की. उन्होंने कहा कि कुछ शरारती तत्व किसानों के प्रदर्शन में घुसे. घटना के बाद उनकी पहचान सामने आई है. वे रोनपाड़ा और बहराइच इलाके के हैं. इन लोगों के पथराव किया और गोलियां चलाईं. यहां तक कि इन लोगों ने बीजेपी के चार कार्यकर्ताओं को भी मार दिया. हमारे कार्यकर्ताओं को बुरी तरह पीटा गया.

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उन्होंने कहा कि हम लोगों को क्यों भड़काएंगे, यह सामान्य कार्यक्रम था. हमें इससे कोई लेना देना नहीं था यह जो कुछ भी हुआ है शरारती तत्वों के चलते हुआ है. उन्होंने कहा कि "प्रदर्शन के आयोजकों ने प्रशासन को आश्वासन दिया था कि विरोध शांतिपूर्ण होगा, लेकिन जैसा हुआ यह बिल्कुल लाल किले पर हुई घटना से मिलता जुलता है. मैं इस तथ्य से दुखी हूं कि लोगों की जान गई और मैं चाहता हूं कि जो लोग इस विरोध का नेतृत्व कर रहे हैं, उन्हें ऐसे असामाजिक तत्वों से सावधान रहने का संदेश दें जो इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं.

राजनीतिक आरोपों पर उन्होंने कहा कि वह दस दिनों से घटनास्थल पर नहीं गए थे. जहां तक मेरे बेटे के वहां होने का सवाल है, वह कार्यक्रम में हजारों लोगों के सामने मौजूद था. फोटो और वीडियो साक्ष्य है. इसके बावजूद किसान अपनी फैक्ट फाइंडिंग टीम भेजना चाहती है तो उनका स्वागत है.


 

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