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UP MLC Election: डिप्टी सीएम केशव मौर्य समेत सभी 13 प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित

उत्तर प्रदेश में कुल 100 विधान परिषद सीटें है, जिनमें से विधानसभा कोटे के 13 विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल छह जुलाई को समाप्त हो रहा है.

यूपी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (फाइल फोटो) यूपी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (फाइल फोटो)
शिल्पी सेन
  • लखनऊ,
  • 13 जून 2022,
  • अपडेटेड 5:24 PM IST
  • यूपी में खाली हो रही हैं 13 विधानपरिषद की सीटें
  • केशव प्रसाद को निर्विरोध जीते
  • स्वामी प्रसाद मौर्य भी जाएंगे विधानपरिषद

राज्यसभा के बाद अब यूपी में विधान परिषद (Legislative Council) के लिए भी सभी 13 प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित घोषित हुए हैं. जिसमें बीजेपी के 9 और समाजवादी पार्टी के 4 प्रत्याशियों ने 13 सीटों के लिए नामांकन किया था.

हालांकि 13 सीटों पर हो रहे चुनाव में कोई अतिरिक्त प्रत्याशी न होने की वजह से पहले ही इन सभी प्रत्याशियों का निर्विरोध निर्वाचित होना तय था. इससे पहले 11 जून को नामांकन पत्रों की जांच और 13 जून को नाम वापसी की आखिरी तारीख होने की वजह से ये औपचारिकता थी कि आज 13 जून को 3 बजे के बाद इसकी घोषणा की जाए.

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बता दें कि यूपी में विधान परिषद की 13 सीटें खाली हुई थीं. इसमें बीजेपी ने योगी सरकार में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और अन्य 6 मंत्रियों को प्रत्याशी बनाया था. भूपेन्द्र चौधरी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का कार्यकाल 6 जुलाई तक था तो वहीं 5 ऐसे मंत्री थे जिनको पहले मंत्री बनाया गया, लेकिन वो किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे.

इसमें जेपीएस राठौड़, दानिश आज़ाद अंसारी, जसवंत सैनी, दयाशंकर मिश्र दयालु शामिल थे, जिन्होंने 9 जून को नामांकन दाखिल किया था. एक और मंत्री नरेंद्र कश्यप कोरोना संक्रमित होने के कारण उनका नामांकन उनके प्रस्तावक ने दाखिल किया था. इसके अलावा दो कार्यकर्ताओं- मुकेश शर्मा और बनवारी लाल दोहरे को प्रत्याशी बनाया था.

वहीं समाजवादी पार्टी ने स्वामी प्रसाद मौर्य, मुकुल यादव, जासमीर अंसारी और शाहनवाज़ खान को प्रत्याशी बनाया था. प्रत्याशी तय करने को लेकर सपा गठबंधन में खुल कर नाराजगी सामने आयी थी. अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य, अखिलेश के लिए करहल सीट छोड़ने वाले सोबरन सिंह यादव के पुत्र मुकुल यादव, जासमीर अंसारी और शाहनवाज़ खान को प्रत्याशी बनाया था. इसके लिए सपा गठबंधन के दूसरे दलों सुभासपा की नाराजगी की चर्चा थी तो वहीं सहयोगी महान दल के केशव देव मौर्य ने तो खुलकर विरोध भी कर दिया था.

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