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निकाय चुनाव: राजीव गांधी के सपनों को पूरा करेगी कांग्रेस, मेनिफेस्टो जारी

राज बब्बर ने कहा कि यह घोषणा पत्र राजीव गांधी द्वारा देखे गए सपने पर आधारित है. उन्होंने कहा कि निकायों को जो अधिकार मिलने चाहिए थे, वे नहीं मिल सके. ऐसे में राजीव का सपना अधूरा है.

घोषणा पत्र जारी करते हुए राज बब्बर घोषणा पत्र जारी करते हुए राज बब्बर
जावेद अख़्तर/BHASHA
  • लखनऊ,
  • 15 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 8:36 PM IST

कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के आगामी नगरीय निकाय चुनाव के लिए बुधवार को अपना घोषणा पत्र जारी किया. कांग्रेस ने इसे 'हक पूर्ति पत्र' नाम दिया है. इस दस्तावेज को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के 'सपने' के अनुरूप तैयार किया गया है.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर, पार्टी राज्यसभा सदस्य डा. संजय सिंह समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में 'हक पूर्ति पत्र' जारी किया.

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इस दौरान राज बब्बर ने कहा कि यह घोषणा पत्र राजीव गांधी द्वारा देखे गए सपने पर आधारित है. देश में सशक्त ग्रामीण एवं शहरी निकायों की कल्पना को कांग्रेस ने 1992 में 73वें एवं 74वें संविधान संशोधन के जरिए मूर्त रूप दिया लेकिन इन निकायों को जो अधिकार मिलने चाहिए थे, वे नहीं मिल सके. ऐसे में राजीव का सपना अधूरा है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जनता के दुख-दर्द को देखकर और समाज के जुड़े विभिन्न लोगों से बात करके यह 'हक पूर्ति पत्र' तैयार किया है. इसमें कोई सपना नहीं दिखाया गया है, बल्कि अपने अधिकारों के दायरे में रहकर नगरीय निकायों के विकास के लिए जो किया जा सकता है, उसके बारे में बातें कही गई हैं.

बब्बर ने कहा कि निकायों में जिन पार्टियों की सरकार रही, उन्होंने उनका क्या हाल किया यह किसी से छुपा नहीं है. कांग्रेस की सभी नीतियां हर व्यक्ति के लिए थीं. कांग्रेस अगर निकाय चुनाव जीतती है तो वह विकास कार्य करके दिखाएगी.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग 'राम' की बात कर रहे हैं, अगर वे 'राम' की मर्यादा का अनुसरण करते तो गोरखपुर के सरकारी अस्पताल में अब तक एक हजार बच्चों की मौत नहीं होती. सभी के साथ बराबरी का बर्ताव होता.

घोषणा पत्र में वादे

कांग्रेस के 'हक पूर्ति पत्र' में साफ-सफाई, पेयजल की व्यवस्था इत्यादि के साथ-साथ नगरीय आबादी में आगामी 25 साल के लिए महायोजना तैयार कर उसे चरणबद्ध तरीके से लागू करने, गरीबों के लिए सभी वार्डों में सामुदायिक केन्द्रों का निर्माण करने, मोहल्ला क्लीनिकों का संचालन शुरू करने, पड़ाव, अड्डा, टैक्सी स्टैण्ड तथा बाजारों में तहबाजारी वसूली की व्यवस्था खत्म करने के वादे किए गए हैं.

बता दें कि यूपी में नवंबर के आखिरी हफ्ते में निकाय चुनाव होने हैं. इससे पहले बीजेपी अपना संकल्प पत्र जारी कर चुकी है. वहीं पहली बार सूबे की राजनीति में हाथ आजमा रही आम आदमी पार्टी ने भी अपना मेनिफेस्टो जारी कर दिया है.

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