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सपा विधान परिषद चुनाव में बसपा को करेगी समर्थन

सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव ने घोषणा की है कि विधान परिषद के चुनाव में समाजवादी पार्टी बसपा प्रत्याशी का समर्थन करेगी. सपा ने बसपा को 1 सीट पर समर्थन देने का निर्णय किया है.

मायावती और अखिलेश यादव मायावती और अखिलेश यादव
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 12 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 9:39 AM IST

सपा-बसपा की दोस्ती को मजबूत करने में अखिलेश यादव लगातार कोशिश में लगे हैं. राज्यसभा चुनाव के दौरान अखिलेश ने बसपा उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर को जिताने की हरसंभव कोशिश की, लेकिन बीजेपी के समीकरण और बीएसपी विधायक की क्रॉस वोटिंग सहित तमाम वजहों ने मंसूबों पर पानी फेर दिया था. इस हार की भरपाई करने के लिए अब सपा ने विधान परिषद चुनाव में बसपा को समर्थन करने का फैसला किया है. ये अखिलेश की ओर से मायावती को तोहफा है, ताकि भविष्य में दोनों दलों के गठबंधन पर कोई आंच न आ सके.

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26 अप्रैल को MLC चुनाव

उत्तर प्रदेश की 13 विधान परिषद सीटों के लिए 26 अप्रैल को चुनाव होने हैं. मौजूदा विधायकों के सहारे बीजेपी के खाते में 11 और विपक्ष को 2 सीटों पर जीत तय है.  इस तरह से सपा की एक और एक सीट विपक्ष एकजुट होकर अपने उम्मीदवार को जिता सकता है.

बसपा को सपा का समर्थन

सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने घोषणा की है कि विधान परिषद के चुनाव में समाजवादी पार्टी बसपा प्रत्याशी का समर्थन करेगी. सपा ने बसपा को 1 सीट पर समर्थन देने का निर्णय किया है. सपा के इस ऐलान के बाद साफ है कि बसपा उम्मीदवार भले ही राज्यसभा चुनाव हार गए हैं, लेकिन विधान परिषद पहुंचना तय है. 

इन सदस्यों का कार्यकाल पूरा

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सपा से अखिलेश यादव, राजेंद्र चौधरी, नरेश उत्तम, उमर अली खान, मधु गुप्ता, रामसकल गुर्जर और विजय यादव की विधान परिषद का कार्यकाल पूरा हो रहा है. बीएसपी के विजय प्रताप सिंह और सुनील कुमार चित्तौड़, रालोद के चौधरी मुश्ताक, बीजेपी से मोहसिन रजा और महेंद्र कुमार सिंह का भी कार्यकाल पूरा हो रहा है. इसके अलावा सपा से बीएसपी में गए अंबिका चौधरी की खाली सीट पर चुनाव होने हैं. इस तरह से कुल 13 विधान परिषद सीटें खाली हो रही हैं.

राज्यसभा चुनाव का समीकरण

गौरतलब है कि राज्यसभा चुनाव में यूपी की 10 सीटों पर कांटे की टक्कर देखने को मिली. जहां बीजेपी अपने 9 उम्‍मीदवारों को जिताने में कामयाब रही थी. जबकि सपा प्रमुख अखिलेश यादव 1 सीट पर जया बच्‍चन को तो जीत दिला दी, लेकिन बसपा के प्रत्‍याशी भीमराव अंबेडकर को जितवाने में कामयाब नहीं हुए थे. इस पर मायावती ने उस समय कहा था कि सपा की जगह बसपा होती तो बीजेपी के मंसूबों पर पानी फेरने के लिए हम अपने नहीं बल्कि सहयोगी उम्मीदवार को जिताते. लेकिन इससे सपा-बसपा गठबंधन पर कोई आंच नहीं आएगी.

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