
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गोमती नदी के आसपास सफाई को लेकर सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार काफी नाराज है. समीक्षा बैठक के दौरान मु्ख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लापरवाही पर सख्त होते हुए कहा कि जिन चार अधिकारियों की लापरवाही से नगर निगम पर एनजीटी ने दो करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया, अब उन्हीं अफसरों से राशि वसूल की जाएगी.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इन दो करोड़ रुपयों की राशि इन अधिकरियों से बराबर-बराबर वसूल की जाए. जिन अधिकारियों पर जुर्माना लगया गया है उनमें से एक यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की समधन भी हैं. चारों को नोटिस जारी करने के लिए नगर आयुक्त ने अपर नगर आयुक्त को निर्देश दिए हैं.
दरअसल लखनऊ की गोमती नदी के आसपास सफाई व्यवस्था सही न मिलने, तट के किनारे कूड़ा पड़ा होने और नालों की गंदगी गोमती में जाने को लेकर सोमवार को एनजीटी ने नगर निगम पर दो करोड़ रुपये का पर्यावरणीय हर्जाना लगाया था. एक महीने पहले एनजीटी ने निगम को गोमती तटों के आसपास से कचरा हटाने के निर्देश दिए थे. गोमती की सफाई को लेकर राज्य सरकार और केंद्र सरकार करोड़ों रुपये दे चुकी है. लेकिन नदी तो दूर उसके आसपास की गंदगी की भरमार अभी तक दूर नहीं हुई.
विभागीय जांच में पता चला है कि निगम प्रशासन ने दिखावे के लिए आसपास सफाई तो कराई, लेकिन तटों से जमा कचरे को हटाने का काम सही से नहीं किया. इस कारण एनजीटी ने हर्जाना लगाया. नगर आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी ने इसके लिए जिम्मेदार चीफ इंजीनियर (सिविल) एसपी सिंह, चीफ इंजीनियर (इलेक्ट्रो-मिकैनिकल) राम नगीना त्रिपाठी, जोनल अधिकारी (जोन तीन) राजेश गुप्ता और जोनल अधिकारी (जोन छह) अम्बी बिष्ट पर 50-50 लाख रुपये का हर्जाना व्यक्तिगत रूप से लगाया है.
अम्बी बिष्ट मुलायम सिंह यादव की समधन हैं. नगर आयुक्त का कहना है कि जांच में सामने आया कि गोमती के आसपास सफाई को लेकर जो निर्देश जोनल अधिकारी जोन तीन व जोन छह, चीफ इंजीनिय (सिविल) और चीफ इंजीनियर (इलेक्ट्रो मिकैनिकल) को दिए गए, उन्होंने उनका पालन सुनिश्चित नहीं किया. इस वजह से एनजीटी ने सफाई कार्य पर आपत्ति जताते हुए हर्जाना लगाया. अब जिन अफसरों की लापरवाही से हर्जाना लगा, उन्हीं से बराबर-बराबर की वसूली होगी.