
यूपी की राजनीति में इन दिनों निकाय चुनाव की सरगर्मी चल रही है. सभी की निगाहें आरक्षण लिस्ट पर टिकीं है. चुनाव आयोग से लेकर जिला प्रशासन तक तैयारियों में जुट गया है. एक ओर वोटर लिस्ट फाइनल करने का काम चल रहा है तो दूसरी ओर आरक्षण पूरा करने पर जोर है.
निकाय चुनाव के लिए इस बार सभी वार्ड और मेयर सीट पर आरक्षण होगा. जिसमें महिलाओं के अलावा ओबीसी, एससी, एसटी और सामान्य जाति के लिए सीटें आरक्षित होंगी. वैसे तो इस आरक्षण के लिए जनसंख्या को आधार बनाया जाता है. इसमें सबसे पहले एसटी समुदाय की जनसंख्या को देखा जाता है और फिर उस क्षेत्र में कितनी सीटें आती है, उसका मूल्याकंन किया जाता है. इसके बाद इसे आरोही क्रम में रखते है. इस तरह से आरक्षण तय होता. इस तरह जिस क्षेत्र में जिस जाति की जनसंख्या ज्यादा होती है, उसे उसके लिए आरक्षित कर दिया जाता है. हालांकि, आरक्षण को लागू करने के लिए जो प्रावधान है, उसमें रोटेशन प्रक्रिया का भी पालन करना पड़ता है. इस बार होने वाले निकाय चुनाव के लिए शासन ने वार्डों के आरक्षण का फॉर्मूला तैयार कर लिया है.
जानें कब हो सकता है चुनाव का ऐलान:
शासन की तरफ से वार्डों के आरक्षण तय करने के लिए जिला प्रशासन को निर्देश दिए जा चुके हैं. यूपी में इस साल दिसंबर तक नगर निगम, नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत के चेयरमैन और सभासदों का चुनाव होना है. नवंबर के दूसरे सप्ताह के लेकर दिसंबर के प्रथम सप्ताह के बीच में कभी भी निकाय चुनावों की घोषणा हो सकती है.
राज्य निर्वाचन आयुक्त कर चुके हैं मीटिंग:
यूपी में जल्द ही नगर निकाय चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में राज्य निर्वाचन आयोग लगातार सक्रिय है. स्थानीय निकाय चुनाव को सही तरीके से संपन्न कराने की तैयारी में जुटा हुआ है. इसी के मद्देनजर राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार सिन्हा ने 36 जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मीटिंग की, इस मीटिंग के दौरान राज्य निर्वाचन आयुक्त ने नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन की निर्वाचक नामावली की समीक्ष हुई. जिसमें लखनऊ, बाराबंकी, बहराइच, अंबेडकर नगर, अयोध्या समेत अन्य जिलों के डीएम को निर्देश दिए कि मतदाताओं के नामों में किसी भी प्रकार की त्रुटि ना होने पाए. निर्वाचक नामावली को त्रुटि रहित तैयार किया जाए. साथ ही निर्वाचन आयोग ने यह भी निर्देश दिए कि कोई भी फर्जी वोटर्स का नाम लिस्ट में किसी भी तरह से ना आने पाए. जो नामावली तैयार हो रही है उसकी सत्यता के लिए अधिकारी स्वयं क्षेत्र में जाकर इसका सत्यापन करें. इसके बाद नाम को सूची में जोड़ा जाए.
31 से शुरू होगा पुनरीक्षण का काम:
वहीं राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि मतदाता सूची पुनरीक्षण का 31 अक्तूबर से शुरू किया जाएगा. 31 अक्टूबर को मतदाता सूची का ड्राफ्ट प्रकाशन होगा. वहीं मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन की तारीख 18 नवंबर तक रखी गई है. निर्वाचन आयुक्त मनोज सिन्हा ने बताया कि 1 से 7 नवंबर के बीच दावे व आपत्तियां प्राप्त किए जाएंगे. 8 से 12 नवंबर के बीच दावे व आपत्तियों का निस्तारण होगा, 14 से 17 नवंबर तक पूरक मतदाता सूची तैयार कर उन्हें मूल सूची में शामिल किया जाएगा और वहीं अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 18 नवंबर को होगा.