
उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे जिला पंचायत चुनाव परिणाम सामने आते जा रहे हैं. तरह-तरह के चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आ रहे हैं. नोएडा की बात करें तो 30 फ़ीसदी ग्राम पंचायतों में प्रधान पदों के लिए महिलाओं को आरक्षण मिला था लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि इसके बावजूद यहां पर महिलाओं ने 50 फ़ीसदी सीटों पर कब्जा जमाया है. हैरानी की बात यह है कि 15 ऐसी महिला ग्राम प्रधान है जिन्होंने पुरुष प्रत्याशियों को हराकर जीत हासिल की है.
दादरी विकासखण्ड क्षेत्र में ऐसी सबसे ज्यादा 8 ग्राम प्रधान चुनी गई हैं. जेवर में 11 ग्राम पंचायतें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई थीं. इनमें 5 ग्राम पंचायत सामान्य महिला थी, तीन अन्य पिछड़ा वर्ग की महिला और तीन ग्राम पंचायत में अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए आरक्षित हैं. तीन और ग्राम पंचायत ऐसी हैं, जिनमें महिलाओं ने पुरुषों से मुकाबला करके जीत हासिल की है.
बिसरख खंड विकास क्षेत्र में 24 में से 12 ग्राम पंचायतों की प्रधान महिलाएं चुनी गई हैं. बिसरख में पटादी, बंबावड़, महावड़ और कुड़ी खेड़ा ग्राम पंचायतों में महिलाओं ने उनके लिए आरक्षण नहीं होने के बावजूद कामयाबी हासिल की है.
उधर, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्यों के लिए हो रहे 3050 पदों पर सभी राजनीतिक दलों ने अपने अधिकृत उम्मीदवार उतारे थे और यही पंचायत चुनाव में पार्टियों की जीत-हार का पैमाना भी साबित हुआ है. किसी दल को इस चुनाव में बहुमत नहीं मिला लेकिन अभी तक जुटाए आंकड़ों के मुताबिक समाजवादी पार्टी समर्थित उम्मीदवारों को अकेले 747 सीटों पर जीत मिली है. जबकि बीजेपी समर्थित उम्मीदवार को यूपी में 690 सीटें मिली हैं. बीएसपी को 381 सीटों पर जीत हासिल हुई है. कांग्रेस 76 सीटें जीतने में कामयाब रही. निर्दलीयों एवं अन्य को 1156 सीटें मिली हैं.