
उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में एक बार फिर खूंखार डकैतों के परिजन अपना दबदबा साबित करने में कामयाब साबित हुए हैं. डाकुओं के दो परिजन चुनाव जीत कर प्रधान बन गये हैं और अभी एक डाकू की पत्नी की वोटों की गिनती होने वाली है. उसकी जीत भी तय मानी जा रही है.
12 वोटों से हराया
गांव की छोटी सरकार बनने का क्रम शुरू हो चुका है. बुंदेलखंड में इस बार भी उन डाकुओं के परिवारों का दबदबा है, जो जेल में बंद है. चित्रकूट जिले के साढ़े सात लाख के इनामी डकैत ददुआ के राइट हैंड कहे जाने वाले और इस समय जेल में सजा काट रहे इनामी डकैत 'राधे' का बेटा अरिमर्दन सिंह उर्फ सोनू चित्रकूट के करवी ब्लॉक के शीतलपुर तरौंहा गांव से प्रधान बनने में कामयाब हो गया है. डकैत राधे के बेटे अरिमर्दन सिंह कुल 192 वोट पाकर अपने निकटतम प्रतिद्वंदी से 12 वोटों से चुनाव जीत गया है.
पत्नी रही दो बार प्रधान
पांच लाख के इनामी डकैत 'राधे' की पत्नी और अरिमर्दन सिंह की मां सत्यवती इससे पहले दो बार इस गांव से प्रधान रह चुकी है. इस बार बेटे अरिमर्दन सिंह को चुनाव मैदान में उतारा, तो वहां भी जीत दर्ज की. हालांकि ये चुनाव काफी निकटतम रहा. डकैत राधे के बेटे अरिमर्दन सिंह कुल 192 वोट पाकर अपने निकटतम प्रतिद्वंदी से 12 वोटों से चुनाव जीत गया है.
खडग सिंह की पत्नी भी मैदान में
वहीं चित्रकूट जिले के सबसे बड़े और कुख्यात डकैत ददुआ के बाद दूसरे नंबर पर रहे कुख्यात डकैत अंबिका पटेल उर्फ "ठोकिया" का छोटा भाई दीपक पटेल भी ग्राम प्रधान बन गया है. करवी विकासखंड के बंदरी गांव से दीपक पटेल ने ग्राम प्रधान का चुनाव जीत लिया है. जबकि एक अन्य खूंखार डाकू खडग सिंह की पत्नी माया देवी मड़ैयान गांव से चुनाव लड़ी हैं, अभी उनके वोटों की गिनती नहीं हो पाई है.