
पश्चिम बंगाल के नतीजों के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नींद उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव के आ रहे परिणामों ने उड़ा दी है. अभी तक जिला पंचायत सदस्यों के 3050 पदों में से 1536 के नतीजे सामने आ चुके हैं. इसमें से बीजेपी 491 पर जीत चुकी है, जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) 364 पर जीती है. तीसरे नंबर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) है, जिसे अब तक 130 सीट मिली हैं. वहीं कांग्रेस के खाते में 52 और निदर्लीयों के खाते में 499 सीटें गई हैं.
पंचायत चुनाव के अब तक के नतीजों में पूर्वांचल में सपा एक बड़ी ताकत बनकर उभरी है. सोमवार दोपहर 1 बजे तक के नतीजों के अनुसार, पूर्वांचल में सपा जिला पंचायत सदस्य की 140 सीटों पर जीत चुकी है, जबकि बीजेपी 104 सीटों पर जीती है. इसके अलावा 33 सीटों पर बसपा और 8 सीटों पर कांग्रेस जीती है. पूर्वांचल की 257 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी जीते हैं. पूर्वांचल के कई जिलों में सपा और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है.
वहीं, बस्ती की 43 में से 42 सीटों के नतीजे आ गए हैं. इसमें 15 पर सपा, 12 पर भाजपा, 7 पर बसपा और 8 पर निर्दलीय जीते हैं. सिद्धार्थनगर की 45 में से 5 सीटों के नतीजे आए हैं, जिसमें चार पर सपा और एक पर अन्य उम्मीदवार जीते हैं. संतकबीरनगर की सभी 30 सीटों के नतीजे आ गए हैं. इसमें 2 पर भाजपा, 7 पर सपा, एक पर बसपा और 20 पर निर्दलीय जीते हैं. गोरखपुर की 68 में से 5 सीटों के नतीजे आए हैं, जिसमें 3 पर सपा और दो पर अन्य जीते हैं.
आजमगढ़ की 84 में 54 सीटों के नतीजे आ गए हैं, जिसमें 40 पर सपा, 9 पर भाजपा और 5 पर अन्य जीते हैं. मऊ की सभी 34 सीटों के नतीजे आ गए हैं. इसमें 19 पर सपा, 3 पर भाजपा, 6 पर बसपा और 6 पर अन्य जीते हैं. वाराणसी की 40 में से 16 सीटों के नतीजे आए हैं, जिसमें 4 पर भाजपा, दो पर सपा और 10 पर अन्य जीते हैं. जौनपुर की 83 में 79 सीटों के नतीजे आए हैं, जिसमें 4 पर भाजपा और 75 पर अन्य जीते हैं. बाकी नतीजे आते जा रहे हैं.
पूर्वांचल में कोरोना मिसमैनेजमेंट से नाराजगी
पंचायत चुनाव के दौरान ही कोरोना का कहर शुरू हुआ. इसका असर सबसे ज्यादा पूर्वांचल में देखने को मिल रहा है. कई जगह पर लोग अस्पताल से लेकर ऑक्सीजन न मिल पाने के कारण नाराज हैं. वहीं, कुछ जगह पर किसान डीजल और खाद के बढ़े दामों से नाराज दिखाई दे रहे हैं. इसके अलावा मुस्लिम वोटों पर सपा की मजबूत पकड़ भी भाजपा को चुनौती दे रही है.
पश्चिम में सपा-आरएलडी दे रही है बीजेपी को टक्कर
ठीक इसी तरह पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी को सपा और आरएलडी का गठबंधन कड़ी टक्कर दे रहा है. यहां पर सपा और आरएलडी का गठबंधन 150 से अधिक सीटों पर जीत चुका है, जबकि बीजेपी 107 सीट जीती है. आपको बता दें कि यह आंकड़ा सोमवार दोपहर 1 बजे तक का है. इसके अलावा 47 पर बसपा और 17 पर कांग्रेस जीती है. मथुरा, बागपत जैसे इलाकों में किसान आंदोलन का असर दिख रहा है और आरएलडी के प्रत्याशी बीजेपी को पटखनी दे रहे हैं.
इटावा की 24 सीटों के नतीजे आ गए हैं. इसमें 4 पर भाजपा, 15 पर सपा, 1 पर बसा और चार पर अन्य जीते हैं. सहारनपुर की 49 में से 16 सीटों के नतीजे आए हैं. इसमें 7 पर भाजपा और 9 पर सपा जीती है. मुजफ्फरनगर की 43 में से 18 सीटों के नतीजे आए हैं. इसमें से 10 पर सपा-आरएलडी, 5 पर भाजपा, तीन पर बसपा जीती है. मेरठ की 33 में से 16 सीटों के नतीजे आए हैं, जिसमें 8 पर सपा-आरएलडी, 5 पर भाजपा और 3 पर बसपा जीती है.
बागपत में 20 में से 15 सीटों के नतीजे आ गए हैं, इसमें 8 पर आरएलडी और 7 पर भाजपा जीती है. गाजियाबाद की 14 में से 8 सीटों के नतीजे आए हैं, इसमें तीन पर भाजपा, चार पर सपा-आरएलडी और पांच पर बसपा जीती है. बिजनौर की 56 में से 49 सीटों के नतीजे आ गए हैं. इसमें चार पर भाजपा, 26 पर सपा, 4 पर बसपा और 15 पर अन्य जीते हैं. मुरादाबाद की 39 में से 20 सीटों के नतीजे आ गए हैं, इसमें 15 पर सपा, 2 पर भाजपा और तीन पर अन्य जीते हैं.
किसान आंदोलन का दिख रहा है असर
पंचायत चुनाव के नतीजे धीरे-धीरे आ रहे हैं. लेकिन अब तक साफ हो गया है कि पूर्वांचल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा को समाजवादी पार्टी और उसकी सहयोगी आरएलडी से कड़ी टक्कर मिल रही है. पश्चिम यूपी में किसान आंदोलन का असर साफ दिख रहा है. अपनी सियासी जमीन खो चुकी आरएलडी इस बार शानदार प्रदर्शन कर रही है. अब देखना है कि फाइनल नतीजों में सपा-आरएलडी, बीजेपी को कितना नुकसान पहुंचा पाते हैं.