
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में निर्वाचन आयोग की घोर लापरवाही सामने आयी है. आजमगढ़ रानी की सराय ब्लॉक अंतर्गत सरायपोही गांव में क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के लिए निर्वाचन विभाग द्वारा 2 प्रत्याशियों को जीत का प्रमाण पत्र दिया गया है. गांव में दोनों प्रत्याशी जीत का प्रमाणपत्र लेकर अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. वहीं निर्वाचन विभाग की घोर लापरवाही की क्षेत्र में चर्चा भी हो रही है.
रानी की सराय ब्लॉक के सरायपोही गांव में क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के लिए तीन महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में थी. रीमा यादव, ऊषा गौड़ और प्रियंका, मतदान के बाद तीन मई को सेठवल में मतगणना हुई, जिसमें रीमा यादव, पत्नी विजय को 15 मतों से विजयी करते हुए जीत का प्रमाणपत्र निर्गत हुआ.
रीमा यादव चुनाव जीत का प्रमाणपत्र लेकर घर चली गयी लेकिन चुनाव आयोग की वेबसाइट पर सेकेंड रनर ऊषा, पत्नी वीरेंद्र को विजयी दिखा दिया गया. जिसके सुधार के लिए रीमा यादव ने एआरओ के यहां प्रार्थना पत्र दिया. लेकिन जब इसकी जानकारी अधिकारियों को हुई तो 25 दिन बाद आनन-फानन में ऊषा, पत्नी वीरेंद्र को घर से बुलाकर जीत का प्रमाणपत्र दे दिया गया.
पूर्व में विजयी प्रत्याशी को जब इसकी जानकारी हुई तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई. निर्वाचन विभाग की घोर लापरवाही से परेशान रीमा यादव ने डीएम को प्रार्थना पत्र देकर न्याय की मांग की है. वहीं इस घटना की चर्चा पूरे क्षेत्र में हो रही है.
आरओ सुनील कुमार ने बताया कि विजयी प्रत्याशी को प्रमाण पत्र दे दिया गया है. अन्य मामला मेरे संज्ञान में नहीं है. इसकी जानकारी बेवसाइट पर कैसे आई है. इसकी सूचना दे दी गयी है. जल्द सच्चाई सामने आ जायेगी और गलती को सुधार लिया जाएगा. बहरहाल इस घटना में जो भी मामला सामने आए, दोनों प्रत्याशी अपनी अपनी जीत पर अडिग हैं. जिसकी चर्चा इलाके में जोरों पर है.