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UP में 15 जुलाई से प्लास्टिक पर बैन, नियम तोड़ने पर लगेगा 50 हजार का जुर्माना

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्लास्टिक पॉलिथिन को लेकर बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने प्रदेश में 15 जुलाई से प्लास्टिक बैन का आदेश जारी कर दिया है.

यूपी में प्लास्टिक बैन यूपी में प्लास्टिक बैन
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 06 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 4:33 PM IST

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्लास्टिक पॉलिथिन को लेकर बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने प्रदेश में 15 जुलाई से प्लास्टिक बैन का आदेश जारी कर दिया है. सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पॉलिसी को यूपी कैबिनेट पहले ही मंजूरी दे चुकी है. यूपी प्लास्टिक बैन करने वाला देश का 19वां राज्य बन गया है.

योगी सरकार ने 50 माइक्रॉन से पतली पॉलिथिन को सूबे में इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगा दिया है. पिछले दिनों सीएम की अध्यक्षता में बैठक हुई थी, जिसमें पॉलिथिन के बैन लगाने के साथ-साथ इस नियम का उल्लंघन पर 50 हजार रुपये तक का जुर्मना लगाए जाने की बात हुई थी.

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मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट करके लिखा है कि 15 जुलाई से प्लास्टिक के कप, ग्लास और पॉलिथीन का इस्तेमाल किसी भी स्तर पर न हो. इसमें आप सभी की सहभागिता जरूरी होगी.

बता दें कि शहीद पथ स्थित स्थानीय निकाय निदेशालय के नए भवन के उद‌्घाटन समारोह में सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि सभी शहरी निकाय इसकी कार्ययोजना तैयार कर लें. पॉलिथिन पर प्रतिबंध तो सभी जगह होना चाहिए. फिलहाल इसकी शुरुआत शहरी निकायों से होगी.

अखिलेश सरकार में लगा था प्रतिबंध

दिसंबर 2015 में अखिलेश सरकार ने सूबे में पॉलिथिन के कैरीबैग्स पर प्रतिबंध लगाया था. इसके लिए सरकार ने इन्‍वाइरनमेंट प्रटेक्शन ऐक्ट को भी मंजूरी दी थी. ऐक्ट में व्यवस्था थी कि अगर कोई प्रतिबंधित पॉलिथिन का इस्तेमाल करता पाया जाएगा तो उसे छह महीने की सजा और पांच लाख रुपये तक जुर्माना भुगतना पड़ सकता था.

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अधिनियम को पर्यावरण विभाग ने बनाया था और इसे लागू करने की जिम्मेदारी संयुक्त रूप से नगर निगम, जिला प्रशासन, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को दी गई थी. हालांकि ऐक्ट में प्रतिबंधित पॉलिथिन की मोटाई 20 माइक्रॉन या उससे कम रखी गई थी, जबकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रतिबंधित पॉलिथिन की मोटाई 50 माइक्रॉन या उससे कम तय की है. हालांकि इस विरोधाभास और एक्ट के क्रियान्वयन के लिए एक एजेंसी न होने के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका था.

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