
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में कुछ ही महीने रह गए हैं, ऐसे में तमाम पार्टियां चुनावी मोड में आ गई हैं. बीजेपी भी रणनीति बनाने में लग गई है, संगठन में फेरबदल से लेकर कुछ जन कल्याण योजनाएं शुरू करने तक, फिर सत्ता वापसी के लिए सबकुछ किया जा रहा है. इस बीच यूपी में अब जनसंख्या कानून को लेकर मंथन शुरू हो गया है. कहा जा रहा है कि जल्द राज्य भी अपना खुद का एक जनसंख्या नियंत्रण कानून ला सकता है.
जनसंख्या पर कानून, सियासत तेज
अब उस कानून पर तो अभी सिर्फ विचार किया जा रहा है, लेकिन यूपी की सियासत ने उबाल मारना शुरू कर दिया है. समाजवादी पार्टी से लेकर कांग्रेस तक, सभी इस मुद्दे पर योगी सरकार को घेर रहे हैं. एक तरफ समाजवादी पार्टी इसे चुनाव से पहले ध्यान भटकाने वाला मुद्दा बता रही है तो वहीं कांग्रेस सवाल खड़े कर रही है कि ऐसे कानून लाना राज्य के हाथ में नहीं.
सपा ने बताया ध्यान भटकाने वाला मुद्दा
सपा के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में इन साढ़े 4 सालों में कोई काम नहीं हुआ. महंगाई बढ़ी, बेरोजगारी बढ़ी, कोरोना काल में लोगों की मौतें हुईं. जहरीली शराब से लोगों की मौतें हुईं. इन साढ़े 4 सालों में सरकार ने कुछ नहीं किया. चुनाव आ रहे हैं लिहाजा जनता का ध्यान भटकाने के लिए अब ऐसे मुद्दे ला रही है. अब सपा की तरफ से तो फिर भी सिर्फ एक सियासी टिप्पणी की गई, लेकिन कांग्रेस ने सिर्फ निशाना नहीं साधा बल्कि ऐसे किसी भी कानून की संवैधानिक वैधता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.
कांग्रेस ने संवैधानिक वैधता पर उठाए सवाल
कांग्रेस की तरफ से अंशु अवस्थी ने जोर देकर कहा है कि उनकी पार्टी भी चाहती है कि जनसंख्या को नियंत्रित किया जाए. वे इस मुद्दे पर बातचीत की पैरवी करते हैं. लेकिन यूपी सरकार जो कानून ला रही है, वे उसको चुनौती दे रहे हैं. बयान में कहा गया है कि ऐसा कोई भी कानून लाना राज्य सरकार के कार्य क्षेत्र में नहीं आता है. बीजेपी सरकार बुरी तरह फेल हो गई है. हर मुद्दे पर विफल है, बेरोजगारी बढ़ रही है, अपराध बढ़ गए हैं, महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, लेकिन सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए ये सब हथकंडे अपना रही है.
असम में भी मंथन शुरू
अब जिस मुद्दे पर इतनी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है, असम में भी उस पर विचार-विमर्श शुरू हो चुका है. सीएम हेमंत बिस्वा सरमा ने साफ कर दिया है कि दो से ज्यादा बच्चे होने पर सरकारी योजनाओं के फायदे से वंचित किया जा सकता है. अब उसी तर्ज पर यूपी भी ऐसा ही कोई फैसला लेने का मन बना रहा है. जानकारी मिली है कि उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाने का काम शुरू कर दिया है. माना जा रहा है कि विधि आयोग अगले 2 महीने में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप देगा.