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UP News: पर्स में पाकिस्तान का टिकट.. भूखी-प्यासी, डरी-सहमी रशियन महिला प्रतापगढ़ कैसे पहुंची?

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जंक्शन (UP Pratapgarh junction) पर एक रशियन महिला (Russian woman) भूखी-प्यासी हालत में डरी सहमी मिली. महिला को एक पुलिस टीम के साथ रशियन एंबेसी भेज दिया गया है. शुरू में लैंग्वेज बैरियर की वजह से उसके बारे में पुलिस को कुछ पता नहीं चल पाया. इसके बाद जब महिला की बात पुलिस ने एक सर्बियाई महिला से कराई तो उसके बारे में जानकारी हो सकी.

प्रतापगढ़ जंक्शन पर मिली रशियन महिला. प्रतापगढ़ जंक्शन पर मिली रशियन महिला.
aajtak.in
  • प्रतापगढ़,
  • 03 जून 2022,
  • अपडेटेड 8:10 PM IST
  • महिला के पास नहीं था पासपोर्ट और वीजा
  • पुलिस ने महिला की सर्बियाई महिला से कराई बात

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ (UP Pratapgarh) में संदिग्ध परिस्थितियों में जंक्शन पर एक रशियन महिला (Russian woman) बिना पासपोर्ट और वीजा के मिली. महिला भूख-प्यास से बेहाल थी. वह डरी-सहमी भी नजर आई. पुलिस ने महिला की बात सर्बियाई महिला से कराई. इसके बाद उसके चेहरे पर चमक दिखी. सर्बियाई महिला से बात होने के बाद पुलिस को उसका नाम पता चला. 

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जानकारी के अनुसार, 44 वर्षीय रशियन महिला को गरीब रथ ट्रेन से रशियन एंबेसी भेजा गया है. एंबेसी को टेलीग्राम के माध्यम से इस बारे में जानकारी दी गई है. महिला के साथ एक दरोगा, एक सिपाही व दो महिला सिपाहियों को भेजा गया है. महिला के पास एक छोटे बैग में महज कुछ भारतीय रुपए थे. महिला को एंबेसी भेजे जाने से पहले उसका मेडिकल कराया गया. पुलिस अधीक्षक सतपाल एंटिल ने बताया कि स्टेशन पर रशियन महिला के मिलने की सूचना जीआरपी के माध्यम से मिली थी.

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कोतवाली पुलिस ने महिला को कस्टडी में लेकर जानकारी की कोशिश की, लेकिन लैंग्वेज बैरियर के कारण बातचीत नहीं हो पा रही थी. कुछ लोगों से संपर्क किया गया, जो लैंग्वेज जानते थे. इसके बाद पता चला कि दिल्ली जा रही महिला यहां उतर गई थी. इसके बाद उसे दिल्ली स्थित रशियन एंबेसी एक दारोगा, एक सिपाही व दो महिला सिपाहियों के साथ भेज दिया गया है.

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पुलिस सूत्रों की मानें तो महिला के पास पाकिस्तान से दिल्ली का महज एक टिकट पाया गया. पर्स में महज कुछ रुपये थे. उसके पास न पासपोर्ट और न वीजा था, न ही कोई खास सामान मिला है. अब बड़ा सवाल ये है कि आखिर बिना पैसों के भूखी प्यासी महिला यहां कैसे पहुंची. वह ठीक से चल भी नहीं पा रही थी. कस्टडी में 24 घंटे गोपनीय तरीके से रखने के बाद गरीब रथ ट्रेन से उसे दिल्ली भेजा गया.

(रिपोर्टः सुनील यादव)

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