
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सपा ने तैयारी शुरू कर दी है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव मंगलवार को मेरठ के मवाना में रैली को संबोधित करेंगे और साथ ही गुर्जर समुदाय से ताल्लुक रखने वाले शहीद धन सिंह कोतवाल की प्रतिमा का अनावरण करेंगे. यह बसपा छोड़कर सपा में आने वाले दलित नेता योगेश वर्मा का इलाका माना जाता है. अखिलेश ने इस तरह से पश्चिम यूपी में गुर्जरों और दलितों को साधकर अपने सियासी और सामाजिक समीकरण को मजबूत करने की रणनीति अपनाई है.
दरअसल, पश्चिम यूपी में मुस्लिम और जाट के बाद दलित मतदाता काफी अहम माने जाते हैं. दलित वोटों पर बसपा प्रमुख मायावती की खास पकड़ मानी जाती है. वहीं, गुर्जर समुदाय एक समय कांग्रेस और सपा के परंपरागत वोटर रहा है, लेकिन फिलहाल बीजेपी के पक्ष में मजबूती से जुड़ा हुआ है. किसान आंदोलन के बहाने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, आरएलडी नेता जयंत चौधरी और अरविंद केजरीवाल मेरठ में किसान पंचायत कर चुके हैं. इनके बाद अब अखिलेश यादव मेरठ के मवाना से मिशन 2022 का आगाज करेंगे.
सपा नेता अतुल प्रधान ने बताया कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मवाना में रैली के साथ-साथ नवजीवन किसान डिग्री कालेज में शहीद धन सिंह कोतवाल की मूर्ति का अनावरण करेंगे. सपा ने इस रैली को कामयाब बनाने के लिए गांव-गांव जाकर लोगों से साथ आने की अपील की है.
गुर्जर-दलित पर सपा का दांव
अखिलेश यादव की रैली मवाना क्षेत्र में की जा रही है, जो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. यहां पर दलित, गुर्जर और मुस्लिम वोटर निर्णायक भूमिका में हैं. बसपा छोड़कर सपा में आने वाले योगेश वर्मा इसी हस्तिनापुर सीट से विधायक रहे हैं और मायावती के जाटव समुदाय से आते हैं. सपा में आने के बाद अखिलेश यादव पहली बार उनके इलाके में रैली कर पश्चिम यूपी के दलित समुदाय को सियासी संदेश देने की कवायद करेंगे.
मेरठ की हस्तिनापुर विधानसभा सीट भले ही रिजर्व हो, लेकिन यहां पर गुर्जर समुदाय के लोग सियासी तौर पर काफी अहम माने जाते हैं. इसलिए सपा ने शहीद धन सिंह कोतवाल की मूर्ति का अनावरण अखिलेश यादव के हाथों कराने की रणनीति अपनाई है. यह रणनीति गुर्जर समुदाय से आने वाले सपा नेता अतुल प्रधान ने बनाई है. गुर्जरों में अतुल प्रधान की अच्छी खासी पकड़ मानी जाती है.
सपा के पोस्टर से शहीद मंजूर गायब
मेरठ की सपा रैली के लिए लगाए पोस्टरों में अखिलेश यादव के साथ योगेश वर्मा और अतुल प्रधान छाए हुए हैं, लेकिन मेरठ के दूसरे समाजवादी नेताओं को तवज्जो नहीं दी गई है. सपा के दिग्गज नेता और मेरठ में पार्टी का मुस्लिम चेहरा माने जाने वाले शाहिद मंजूर पोस्टरों से गायब हैं. शाहिद मंजूर कई बार सपा से विधायक रहे चुके हैं और मुलायम सिंह से लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव तक की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं. इसके बाद भी उनको तवज्जो नहीं मिलने को लेकर मेरठ की सियासत में काफी चर्चा हो रही है.