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UP ट्रांसफर-पोस्टिंग: खुलने लगीं परतें, बिना CM और मंत्री के अनुमोदन हुए तबादले

स्वास्थ्य विभाग और पीडब्ल्यूडी विभाग की समीक्षा में पाया गया कि समूह क और समूह ख के अधिकारियों का तबादला बिना मुख्यमंत्री और मंत्री के अनुमोदन कर दिया गया था, जबकि इन अधिकारियों के तबादले के लिए मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्रियों का अनुमोदन किया जाना अति आवश्यक होता है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
आशीष श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 27 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 10:12 AM IST
  • स्वास्थ्य और PWD विभाग के तबादलों की जांच
  • जांच में कई अनियमितताएं सामने आईं

उत्तर प्रदेश में ट्रांसफर पॉलिसी के तहत विभागों में हुए तबादलों पर शासन स्तर पर समीक्षा बैठक की गई, जिसमें कई लापरवाहियां खुलकर सामने आ गई है. स्वास्थ्य विभाग और पीडब्ल्यूडी विभाग की समीक्षा में पाया गया कि समूह क और समूह ख के अधिकारियों का तबादला बिना मुख्यमंत्री और मंत्री के अनुमोदन कर दिया गया था.

इन अधिकारियों के तबादले के लिए मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्रियों का अनुमोदन किया जाना अति आवश्यक होता है, लेकिन बिना मुख्यमंत्री और मंत्री के अनुमोदन के समूह क और ख के अधिकारियों का ट्रांसफर अनियमितता के तहत कर दिया गया है. जांच में सारी बातें निकल कर सामने आ गई हैं. धीरे-धीरे सभी परतें खुलती जा रही हैं.

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सेतु निगम के प्रबंध निदेशक की पोस्टिंग का संज्ञान सीएम योगी आदित्यनाथ से लिखित रूप में आया था, लेकिन उनका तबादला बिना मुख्यमंत्री के अनुमोदन कर दिया गया. प्रमुख अभियंता (ग्रामीण सड़क) अरविंद कुमार श्रीवास्तव, अवर अभियंता गौरव श्रीवास्तव की तैनाती उसी स्थान पर कर दी गई, जहां वह कई सालों से तैनात थे.

पीडब्ल्यूडी की अगर बात करें तो अधिशासी अभियंता और उससे ऊपर के अधिकारी जो कई वर्षों से एक ही जगह जम हुए थे, उनका ट्रांसफर नहीं किया गया है लेकिन जो कुछ ही महीने पहले आए थे और उनका अनुमोदन सीएम और मंत्री से होना था, उनका ट्रांसफर कर दिया गया है. तकरीबन 4 दर्जन ऐसे अधिकारी हैं.

दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग में कई ऐसे चिकित्सा अधिकारियों और डॉयरेक्टर के पद पर तैनात अफसर हैं, जिनका तबादला कर दिया गया, जबकि सीएम से अनुमोदन लेना जरूरी होता है. स्वास्थ्य विभाग में समूह क के तकरीबन 90 चिकित्सा अधिकारियों का तबादला बिना अनुमोदन हुआ है. जांच के बाद इन सभी का स्थानांतरण स्थगित किया जा सकता है.

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