Advertisement

CAA के खिलाफ प्रदर्शन करने गए मां-बाप हुए अरेस्ट, बच्ची देख रही राह

वाराणसी का एक दंपति सवा साल की बच्ची को छोड़कर 19 दिसंबर को नागरिकता कानून का विरोध करने गया. विरोध के दौरान उन्हें पहले हिरासत में लिया गया और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. तब से आज तक बच्ची को अपने माता-पिता का इंतजार है. ये कहानी वाराणसी के महमूरगंज इलाके के शिवाजी नगर की है.

बच्ची के चाचा शशिकान्त तिवारी बच्ची के चाचा शशिकान्त तिवारी
aajtak.in
  • वाराणसी,
  • 25 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 8:48 PM IST

  • गिरफ्तारी पर प्रियंका गांधी ने जताया अफसोस
  • 19 दिसंबर को प्रदर्शन में गए थे बच्ची के पैरंट्स

वाराणसी का एक दंपति सवा साल की बच्ची को छोड़कर 19 दिसंबर को नागरिकता कानून का विरोध करने गया. विरोध के दौरान उन्हें पहले हिरासत में लिया गया और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. तब से आज तक बच्ची को अपने माता-पिता का इंतजार है. ये कहानी वाराणसी के महमूरगंज इलाके के शिवाजी नगर की है.

Advertisement

इस मामले में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने भी अफसोस जाहिर किया है. उन्होंने ट्वीट करके कहा 'एक परिवार का एक साल का बच्चा अकेले है. शांतिपूर्ण प्रदर्शन की ये सजा. सरकार का व्यवहार हद से बाहर हो चुका है.'

माता-पिता एक्टिविस्ट हैं

सवा साल की बच्ची को 19 दिसंबर से अब तक माता-पिता का इंतजार है. इसके माता-पिता एक्टिविस्ट हैं और वाराणसी में पिछले 19 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन में शरीक होने शहर के बेनियाबाग इलाके गए थे. यहां से पुलिस ने करीब 70 को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था. इसमें बच्ची की माता एकता और पिता रवि शेखर भी शामिल थे.

बोलकर गए थे डायपर और दूध लेकर आएंगे

गिरफ्तार हुए एक्टिविस्ट दंपति रवि शेखर और एकता शेखर के अलावा उनके घर में बूढ़ी मां, बड़े भाई और भाभी ही रहते हैं. दंपति के जेल चले जाने के बाद बच्ची की सारी देखभाल की जिम्मेदारी बूढ़ी दादी और बड़ी मां पर आ गई है. बड़ी मां देवोरिता का कहना है कि रवि और एकता 19 दिसंबर को ये कहकर गए थे कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन में शामिल होने जा रहे हैं और आते वक्त बच्ची के लिए डायपर और दूध लेकर आएंगे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि शाम होते-होते दोनों की गिरफ्तारी की खबर उन तक आएगी.

Advertisement

बच्ची की सेहत पर पड़ रहा बुरा असर

दादी शीला तिवारी ने कहा कि बच्ची अभी भी अपनी मां का दूध पीती है और मां के ना रहने पर उसकी सेहत पर बुरा असर पड़ा है. उसका वजन गिर रहा है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो बच्ची के स्वास्थ्य के लिए आगे डॉक्टर के पास जाने की नौबत आ सकती है.

पहले हिरासत में लिया गया था...

रवि शेखर के बड़े भाई शशिकांत बताते हैं कि रवि और एकता दोनों ही पर्यावरण के बचाव के लिए स्वयंसेवी संस्था चलाते हैं और सोशल एक्टिविस्ट भी हैं. इन्हें कई सरकारी और गैरसरकारी अवार्ड से नवाजा जा चुका है. उन्होंने कहा कि 19 दिसंबर को बाकी सभी लोगों के साथ इन दोनों लोगों को भी धारा 151 के तहत हिरासत में लिया गया था लेकिन अगले दिन अन्य धाराएं लगाकर उन्हें जेल भेज दिया गया.

कोर्ट ने दी एक जनवरी की तारीख

वे बताते हैं कि ये समझना काफी मुश्किल है कि आखिर क्यों लोअर और सेशन कोर्ट से उनकी जमानत याचिका खारिज हो गई. वे बताते हैं कि सर्दी की छुट्टियों के चलते कोर्ट ने अगली तारीख 1 जनवरी की दी है और वे एक बार फिर से कोशिश करेंगे की उस दिन जमानत मंजूर हो जाए.

Advertisement

(इनपुट: रोशन जयसवाल)

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement