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Uttar Pradesh: मुख्तार अंसारी ने बनवाया होटल, गुर्गों ने कॉम्प्लेक्स... वक्फ संपत्तियों का हाल

यूपी सरकार के आदेश पर राज्य में वक्फ की संपत्तियों की जांच चल रही है. आजतक की टीम ने भी बाराबंकी और गाजीपुर में वक्फ की संपत्तियों का हाल जाना. इन संपत्तियों पर कब्जा करके मकान बनाए जा रहेे हैं. बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी ने भी कब्रिस्तान की जमीन पर होटल बनाया था. बाद में होटल गिरा दिया गया.

यूपी में चल रही वक्फ संपत्तियों की जांच यूपी में चल रही वक्फ संपत्तियों की जांच
समर्थ श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 28 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:13 PM IST

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार (Uttar Pradesh Government) ने 33 साल पुराने आदेश को रद्द करते हुए वक्फ बोर्ड (Waqf Board) की संपत्तियों का सर्वे करने के आदेश दिए हैं. सरकार ने ये निर्देश दिए हैं कि वक्फ की संपत्तियों का सर्वे कर इन्हें एक महीने के भीतर राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए. सूबे के सभी 75 जिलों में जितनी भी जमीन वक्फ की हैं, उन्हें वक्फ के नाम से रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा. वक्फ की जो भी जमीन हड़पी गई हैं या फिर उन पर अवैध निर्माण किया गया है, उसका भी सर्वे किया जा रहा है. सरकार की इस घोषणा की पड़ताल के लिए आजतक की टीम भी गाजीपुर और बाराबंकी पहुंची.

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गाजीपुर में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. बांदा जेल में बंद बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) ने गाजीपुर शहर के बीचों-बीच कब्रिस्तान की जमीन पर कब्जा कर आलीशान होटल बनवा दिया था. अंसारी के इस होटल का नाम 'गजल' था. यह जमीन वक्फ बोर्ड की थी. अंसारी ने गजल होटल के नीचे का एक हिस्सा प्राइवेंट बैंक को दिया था. वहीं, दूसरे हिस्से में कुछ दुकानें भी बनवाई गई थीं.

25 जून, 2020 को सदर एसडीएम प्रभास कुमार ने गजल होटल के जमीन की पैमाइश कराई. जांच में होटल को लेकर कई अनियमितताएं सामने आईं. होटल की जमीन की खरीदी-बिक्री में भी गड़बड़ी पाई गई. होटल के नक्शे को एसडीएम ने निरस्त कर दिया और बाद में निर्माण और रजिस्ट्री में फर्जीवाड़े के आधार पर प्रशासन ने ये होटल गिरा दिया.

गजल होटल को लेकर स्थानीय लोगों ने आजतक से कहा कि, मुख्तार का बुरा वक्त तभी शुरू हो गया था जब उसने अल्लाह की जमीन यानी वक्फ की जमीन पर होटल बनवाया था. लोगों ने कहा ''आप रूह के स्थान पर कब्जा कर लेंगे, होटल बना लेंगे, तो कैसे सुकून से बैठ पाएंगे?''

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गंदा पानी और कचरा सब कब्रिस्तान में

स्थानीय लोगों ने बताया कि होटल बनने के बाद उससे निकलने वाला गंदा पानी और कचरा, सब कब्रिस्तान में आने लगा. गंदगी कब्र के इर्द-गिर्द जमा होने लगी थी. इंतजामिया कमेटी गाजीपुर के अध्यक्ष और मुत्तवाली काजी गरीब आलम ने कुछ कागज दिखाए और कब्रिस्तान की जमीन को वक्फ का बताया.

उन्होंने कहा कि रौजा इलाके की वक्फ की जमीन पर मौजूद कब्रिस्तान के आस-पास मकान बनाए जा रहे हैं. कागजों में मस्जिद, कब्रों का जिक्र है तो यहां मकान कहां से आ गए. वे बताते हैं कि इन घरों से निकलने वाले गंदे पानी के चलते पूरा कब्रिस्तान जलमग्न है.

क्या कहती हैं डीएम गाजीपुर?

गाजीपुर की डीएम आर्यका अखौरी ने आजतक से बात करते हुए कहा कि जहां भी अवैध संपत्तियां हैं, वहां कार्रवाई की जा रही है. वक्फ की जमीन का सर्वे शुरू हो गया है. जहां भी अवैध निर्माण वक्फ की जमीन पर हुआ होगा, वहां कार्रवाई होगी. उन्होंने ये भी कहा कि एक हफ्ते पहले ही गजल होटल के पास बनी अवैध दुकानें सील की गई हैं.


 

बाराबंकी में वक्फ की जमीन पर बन रहा कॉम्प्लेक्स

बाराबंकी में और भी चौंकाने वाले नजारे देखने को मिले. बाराबंकी के नेशनल हाइवे के पास शहरी इलाके में वक्फ की 12 बीघा यानी लगभग तीन लाख स्क्वॉयर फीट जमीन है. यहां सिर्फ दुकानें ही नजर आईं. वक्फ की कुछ जमीन पर मुख्तार अंसारी के गुर्गों ने कब्जा कर लिया था. इस जमीन पर कॉम्प्लेक्स बनाया जा रहा है.

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वक्फ मुतवल्ली (प्रबंधक) नवाब अहमद अली खान ने जमीन की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह सारी जमीन वक्फ की है और यहां सिर्फ दुकानें हैं. उन्होंने पेपर दिखाते हुए कहा कि कॉम्प्लेक्स मुख्तार अंसारी के गुर्गों का है, यह बात सबको मालूम थी लेकिन इसका निर्माण नहीं रोका गया.

जानिए क्या होता है वक्फ ?

वक्फ अरबी भाषा के 'वकुफा' शब्द से बना है, जिसका अर्थ होता है ठहरना. वक्फ का मतलब है ट्रस्ट-जायदाद को जन-कल्याण के लिए समर्पित करना. इस्लाम में वक्फ उस संपत्ति को कहते हैं, जो अल्लाह के नाम पर जन-कल्याण के लिए दान कर दी जाती है.  एक बार संपत्ति वक्फ की हो गई तो फिर उसे जमीन का मालिक वापस नहीं ले सकता.

वक्फ के भी होते हैं दो प्रकार

वक्फ मामलों के एक्सपर्ट सरवर अली बताते हैं कि वक्फ के भी दो प्रकार होते हैं- पहला वक्फ अलल औलाद और दूसरा अलल खैर.

वक्फ अलल औलाद का मतलब यह है कि वक्फ संपत्ति परिवार के ही किसी शख्स के लिए होगी. उस वक्फ का मुतवल्ली (प्रबंधक) का पद परिवार के सदस्य के पास ही रहेगा, जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहेगा.

दूसरा वक्फ अलल खैर, इसका मतलब यह 'सार्वजनिक वक्फ' है. इस सपत्ति को जनता के लिए वक्फ किया गया है. इसकी देखभाल की जिम्मेदारी वक्फ बोर्ड की होती है. इसकी देखभाल के लिए वक्फ बोर्ड एक मुतव्वली (प्रबंधक) नियुक्त करता है.

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देश में वक्फ की कितनी जमीन ?

वक्फ मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया के मुताबिक, देश में करीब 8 लाख 55 हजार 891 संपत्तियां ऐसी हैं जो वक्फ की हैं. देशभर में 32 वक्फ बोर्ड हैं. सेना और रेलवे के बाद देश में संपत्ति के मामले में वक्फ तीसरा सबसे बड़ा भूमि मालिक है. 

उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा वक्फ संपत्तियां

उत्तर प्रदेश में सबसे ज्याकदा वक्फ संपत्तियां हैं. यूपी में सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास कुल 2 लाख 10 हजार 239 संपत्तियां हैं. जबकि, शिया वक्फ बोर्ड के पास 15 हजार 386 संपत्तियां हैं. यूपी और बिहार में शिया-सुन्नी की अलग-अलग संपत्तियां और बोर्ड हैं.

 

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