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उत्तर प्रदेश में अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार यूपीकोका (UPCOCA) कानून लाने जा रही है. विवादों के बीच बुधवार 20 दिसंबर, 2017 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में यूपीकोका (उत्तर प्रदेश कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट) बिल पेश किया.
मायावती ने बताया यूपी के लिए अभिशाप
बसपा सुप्रीमो मायावती ने यूपीकोका का विरोध करते हुए कहा कि इसका इस्तेमाल दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ होगा. मायावती ने प्रेस रिलीज जारी कर यूपीकोका को जनता के लिए अभिशाप कहा है.
मायावती ने कहा कि बीएसपी इस कानून का विरोध करती है और व्यापक जनहित में इसे वापस लेने की मांग करती है. मायावती ने आरोप लगाया कि बीजेपी जाति और संप्रदाय के आधार पर पक्षपात करते हुए तमाम कानून का गलत इस्तेमाल करती है. ऐसे में नया कानून उत्तर प्रदेश की जनता के लिए बड़ा सिर दर्द साबित हो सकता है.
ये है यूपीकोका के तहत आने वाले अपराधों की लिस्ट
सरकार के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन, विस्फोटक या आग्नेय अस्त्रों का प्रयोग, आतंक फैलाना, सरकारी संपत्ति को नष्ट करना, सरकारी अधिकारी को जान से मारने या बर्बाद करने की धमकी देना, फिरौती, सरकारी ठेका हथियाने के लिए शक्ति प्रदर्शन, निजी या सरकारी जमीन पर कब्जा, बाजार या व्यापारियों से अवैध वसूली, अवैध खनन, वन उपज का अवैध दोहन, मनी लॉन्ड्रिंग, मानव व्यापार, नकली दवा या अवैध शराब बेचना यूपीकोका के तहत आने वाले अपराध हैं.
ये है सजा का प्रावधान
1. यूपीकोका कानून के तहत आने वाले अपराधों से किसी की मौत होने पर आरोपी को उम्रकैद या फांसी की सजा हो सकती है.
2. संगठित अपराध करने वाले की संपत्ति रखने वाले को 3 साल से आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है.
3. यूपीकोका में संगठित अपराध करने वालों को शरण देने पर उम्रकैद से 7 साल तक की सजा और 15 लाख जुर्माने का प्रावधान है.