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UP में विधायक निधि अब 5 करोड़ हुई, सांसदों के बराबर विकास कार्य करा सकेंगे MLA

विधानसभा में बसपा के इकलौते विधायक उमाशंकर सिंह ने सदन में मांग उठाई थी कि विधायकों की निधि 5 करोड़ रुपए कर दी जाए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज उस पर सहमति दे दी है.

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने एक बार फिर विधायक निधि बढ़ा दी है. मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने एक बार फिर विधायक निधि बढ़ा दी है.
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 31 मई 2022,
  • अपडेटेड 10:32 PM IST
  • योगी सरकार ने 3 साल में साढ़े 3 करोड़ बढ़ाए
  • 2019 तक डेढ़ करोड़ रुपए थी विधायक निधि

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने विधायकों को बड़ी सौगात दी है. अब यूपी में विधायक निधि की राशि सांसदों की निधि के बराबर हो गई है. यानी यूपी के विधायक अब अपने इलाके में ज्यादा विकास कार्य करवा सकेंगे. यहां विधायक निधि 3 करोड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ कर दी गई है.

बता दें कि इससे पहले साल 2020 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधायकों की विधायक निधि 3 करोड़ कर दी थी. अब 3 साल बाद 2022 के बजट सत्र में उन्होंने इस निधि को पांच करोड़ कर दिया है. बताते चलें कि इतनी ही निधि केंद्र सरकार सांसदों को विकास कार्य में खर्च करने के लिए देती है. जबकि, संसदीय इलाका बड़ा होता है. 

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योगी सरकार ने 2 साल पहले एक करोड़ बढ़ाए थे

विधानसभा में बसपा के इकलौते विधायक उमाशंकर सिंह ने सदन में मांग उठाई थी कि विधायकों की निधि 5 करोड़ रुपए कर दी जाए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज उस पर सहमति दे दी है. जानकारी के मुताबिक, योगी सरकार ने फरवरी 2020 में विधायक निधि 2 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपए की थी. 

2019 तक विधायक निधि डेढ़ करोड़ थी

उससे पहले 2019 में योगी सरकार ने विधायक निधि सालाना डेढ़ करोड़ रुपए से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपए कर दी थी. यानी यूपी में योगी सरकार ने तीन साल में साढ़े 3 करोड़ रुपए विधायक निधि बढ़ा दी है.

कोरोनाकाल में विधायक निधि रही सस्पेंड

बता दें कि कोरोना की पहली लहर के दरम्यान यूपी सरकार ने विधायक निधि सस्पेंड कर दी थी. सरकार ने इस निधि का इस्तेमाल कोरोना से निपटने से जुड़ी व्यवस्थाओं में खर्च किया था. मार्च 2021 में निधि को बहाल कर दिया गया था.

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