
उत्तर प्रदेश की सात विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को 2022 के चुनाव का एक लिटमस टेस्ट माना जा रहा है. सत्ताधारी बीजेपी के लिए उपचुनाव साख का सवाल है, क्योंकि सात में से छह सीटों पर उसका कब्जा था. उपचुनाव में सपा, बसपा और कांग्रेस भी किस्मत आजमा रही है, जिसके चलते मुकाबला काफी रोचक हो गया है.
बीजेपी ने सभी सातों विधानसभा सीटों के लिए अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं. दो क्षेत्रों में दिवंगत पूर्व विधायकों की पत्नियों को टिकट दिया गया है. इनमें अमरोहा की नौगवां सादात सीट से कैबिनेट मंत्री रहे चेतन चौहान की पत्नी संगीता चौहान और बुलंदशहर सीट से वीरेंद्र सिरोही की पत्नी ऊषा सिरोही को प्रत्याशी बनाया गया है.
बीजेपी के टिकट बंटवारे के जातीय समीकरण पर नजर डालें तो अन्य पिछड़ वर्ग और अनुसूचित वर्ग में गैर जाटव को तरजीह दी गई है. फिरोजाबाद की टूंडला सुरक्षित सीट पर बीजेपी के सांसद एसपी बघेल अपनी बेटी सलोनी बघेल के लिए टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने पूर्व क्षेत्रीय मंत्री व जिला उपाध्यक्ष प्रेमपाल धनगर को उम्मीदवार बनाया है. ऐसे ही कानपुर की घाटमपुर सुरक्षित सीट पर दिवंगत पूर्व मंत्री कमल रानी के परिजनों के बजाए अनुसूचित मोर्चा के क्षेत्रीय अध्यक्ष उपेंद्र पासवान पर भरोसा जाताया गया है. यानी दोनों सीटों पर बीजेपी ने गैर-जाटव दलित पर दांव लगाया है.
बीजेपी ने दुष्कर्म के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे उन्नाव जिले के बांगरमऊ से पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर से दूरी बनाए रखी है. उनके परिवार से भी टिकट की मांग हो रही थी, लेकिन पार्टी ने पूर्व जिलाध्यक्ष श्रीकांत कटियार को प्रत्याशी बनाकर ओबीसी दांव चला है. श्रीकांत कटियार कुर्मी समुदाय से आते हैं.
पूर्वांचल के जौनपुर की मल्हनी सीट पर छात्र नेता रहे मनोज सिंह को प्रत्याशी बनाया है, जहां उनका मुकाबला सपा के दिवंगत नेता पारसनाथ यादव के बेटे लकी यादव से है. इस सीट पर यादव और राजपूत मतदाताओं की संख्या काफी है. बीजेपी ने पूर्व विधायक जनमेजय सिंह के निधन से रिक्त हुई सीट देवरिया पर सत्य प्रकाश मणि को उम्मीदवार बनाया है.
उपचुनाव की जंग को फतह करने के लिए बीजेपी कमर कसकर मैदान में उतर चुकी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह तक सभी उपचुनाव वाली सीटों पर कार्यकर्ताओं के साथ संवाद स्थापित कर चुके हैं. डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने भी अमरोहा में कई विकास योजनाओं का शिलान्यास किया है. सीएम योगी मल्हनी सीट पर जनसभा को संबोधित कर चुके हैं. उपचुनाव में कांग्रेस, सपा और बसपा भी अलग-अलग चुनावी ताल ठोक रही हैं, जिसके चलते ये मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है.