
साल 2019 के आखिरी दिन 31 दिसंबर को उत्तर प्रदेश विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया था. इस सत्र में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षण की अवधि को 10 साल के लिए बढ़ाए का प्रस्ताव पारित कर दिया गया.
गौरतलब है कि संसद ने एससी- एसटी के लिए आरक्षण की अवधि बढ़ाने का प्रस्ताव पारित कर दिया था. योगी सरकार भी इसे पारित करने में साल बदलने के मूड में नहीं है यानी 2019 में जब केंद्र ने इसे पास किया है, तो राज्य सरकार भी इसे 2019 में ही पास करना चाहती है.
बता दें कि इस सत्र में प्रश्नकाल नहीं हुआ. केवल नियम-51, नियम-301 और याचिकाओं को ही लिया गया. इस संबंध में विधानसभा के स्पीकर हृदय नारायण दीक्षित ने बताया था कि विभिन्न दलों के नेताओं ने सदन के सुचारु रूप से संचालन में सहयोग करने की बात कही है. सत्र में लोकसभा में पारित संविधान का (126 वां संशोधन) विधेयक-2019 के संकल्प पर विचार और पारण किया जाएगा.स्पीकर ने बताया कि इस संकल्प पर विचार एवं उसे पारित करने के अलावा विधानसभा नियम 51 और नियम 301 तथा याचिकाओं को भी लिया जाएगा.
साइकिल से सदन पहुंचें सपा विधायक
दूसरी ओर, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध जताने के लिए सपा विधायक साइकिल से विधान भवन पहुंचे. पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव कार्यालय से विधानसभा और विधान परिषद सदस्यों को साइकिल से रवाना कर रहे थे. उन्होंने एनआरसी और सीएए पर कहा कि आप नागरिकता धर्म के आधार पर देना चाहते हैं, आप चाहते हैं कि मुसलमानों का नागरिकता न मिले. बीजेपी तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है. क्या असम और पूर्वोत्तर के लोग इस कानून से खुश हैं. उन्होंने आगे कहा कि आधार में सब मौजूद है. समाजवादी पार्टी (एसपी) सीएए, और एनआरसी और एनपीआर का विरोध करती है.
अखिलेश यादव ने कहा कि अर्थव्यवस्था का नाश हो गया है. बैंकिग सिस्टम डूबा दिया गया. अपने लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए आप ऐसा कर रहे हैं. वहीं कांग्रेस विधायक अनसुचित वर्ग व अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 10 वर्ष के लिए आरक्षण सुविधा बढ़ाने का समर्थन, परंतु एंग्लो इंडियन का कोटा न बढ़ाने का विरोध किया.