Advertisement

UP: बाराबंकी में विवादित स्थल पर चला बुलडोजर, वक्फ बोर्ड ने कार्यवाही को बताया गलत

यूपी में बाराबंकी के तहसील रामसनेहीघाट परिसर में बने विवादित स्थल को प्रशासन ने लॉकडाउन में तुड़वा कर मलबा हटवा दिया है. सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड और समाजवादी पार्टी ने प्रशासन की कार्यवाही को गलत बताया है.

बाराबंकी पुलिस बाराबंकी पुलिस
सैयद रेहान मुस्तफ़ा
  • बाराबंकी,
  • 19 मई 2021,
  • अपडेटेड 11:27 AM IST
  • रामसनेही घाट तहसील परिसर का मामला
  • प्रशासन ने विवादित स्थल को ध्वस्त किया

यूपी में बाराबंकी के तहसील रामसनेहीघाट परिसर में बने विवादित स्थल को प्रशासन ने लॉकडाउन में तुड़वा कर मलबा हटवा दिया है. ज़िलाधिकारी ने बयान जारी करते हुए उक्त विवादित स्थल को अवैध परिसर बताया है, तो वही सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड और समाजवादी पार्टी ने प्रशासन की कार्यवाही को गलत बताया है.

बाराबंकी की रामसनेही घाट तहसील परिसर में मौजूद विवादित स्थल उस वक्त चर्चा में आया था, जब तहसील प्रशासन ने बीते 17 मई को विवादित स्थल को गिरा दिया और मलबे को भी हटवा दिया. बता दें कि रामसनेहीघाट के एसडीएम दिव्यांशु पटेल के सरकारी आवास के सामने बने विवादित धार्मिक स्थल में रहने वालों लोगों को नोटिस दिया गया.

Advertisement

इसके बाद यहां रहने वाले तीन लोग बिना आईडी के दिये फरार हो गए. इसके बाद एसडीएम ने तहसील में लगे धार्मिक स्थल के गेट को हटवा कर बाउंडरी बनाकर अपने कब्जे में ले लिया था. तहसील प्रशासन द्वारा धार्मिक स्थल में रहने वालों को नोटिस मिलने के बाद पक्षकार हाई कोर्ट की शरण में भी गए थे.

रिट संख्या-7948/21 में हाई कोर्ट ने मस्जिद ख्वाजा गरीब नवाज अल मंसूर के खसरा पेपर और सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड में पंजीकृत होने का प्रमाण 15 दिन के अंदर प्रशासन को देने का आदेश दिया था. इस बीच प्रशासन ने विवादित स्थल में प्रवेश पर रोक लगा दी थी. इसी मामले में पुलिस ने 39 नामजद और 150 अज्ञात पर केस दर्ज कर कई लोगों को जेल भेजा था.
 
इसके साथ ही तहसील प्रशासन ने धारा 133 के तहत विवादित स्थल को अपने कब्जे में लेते हुए मलबे को गिरा कर साफ करवा दिया. इस पर बाराबंकी के जिलाधिकारी आदर्श सिंह ने कहा कि पक्षकारों को सूचना के लिए नोटिस दिया गया था, नोटिस मिलते ही अवैध आवासीय परिसर में रह रहे लोग फरार हो गए थे.

Advertisement

बाराबंकी के जिलाधिकारी आदर्श सिंह ने कहा कि तहसील की सुरक्षा को देखते हुए 18 मार्च को उसे तहसील टीम द्वारा कब्जे में ले लिया गया था. हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में दाखिल रिट संख्या 7948/21 में पक्षकारों का प्रत्यावेदन निस्तारित करने पर यह तथ्य सामने आया कि तहसील परिसर में बना आवासीय परिसर अवैध है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement