Advertisement

दलित आंदोलन का असर? यूपी BJP में बड़ी जिम्मेदारी के लिए OBC चेहरे की खोज

जल्द ही UP मंत्रिमंडल में फेरबदल होने वाले हैं और पार्टी मंत्रिमंडल के बहाने भी एक बार फिर से जातीय संतुलन साधने की कोशिश कर सकती है. राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह दो दिनों के लिए 10 अप्रैल को लखनऊ आ रहे हैं और उनकी यात्रा में संगठन से लेकर सरकार तक के कई चेहरे तय हो जाएंगे.

यूपी बीजेपी यूपी बीजेपी
सुरभि गुप्ता/कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 08 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 11:11 AM IST

उत्तर प्रदेश में संगठन और सरकार को लेकर बड़े बदलाव की चर्चा शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने शनिवार शाम प्रधानमंत्री मोदी से अलग-अलग मुलाकात की. चर्चा है कि किसी बड़े ओबीसी चेहरे को पार्टी की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है.

शाह से मिले स्वतंत्रदेव सिंह

एक तरफ केशव मौर्य दिल्ली आए तो दूसरी तरफ राज्य के पर्यटन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वतंत्रदेव सिंह को दिल्ली बुलाया गया था. बीती शाम उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की. स्वतंत्रदेव सिंह पिछड़ी जाति से आते हैं, बीजेपी में बड़े और कुशल संगठनकर्ता के तौर पर एक बड़ी पहचान रखते हैं. चर्चा है कि उन्हें पार्टी का सबसे अहम पद देकर संगठन में भेजा जा सकता है.

Advertisement

नाराज हो रहे हैं दलित सांसद

यूपी उपचुनाव में सपा-बसपा के साथ के बाद बीजेपी के भीतर इस बात की बेचैनी महसूस की जा रही है कि पार्टी अब फिर से पिछड़ा, अति पिछड़ा वोट बैंक का दांव खेले, नहीं तो 2019 में पार्टी के लिए मुश्किल बढ़ना तय है. पार्टी के भीतर भी नाराज दलित सांसदों का मुद्दा लगातार बढ़ता जा रहा है. एक-एक कर दलित सांसद, पिछड़ों और दलितों के साथ हो रहे भेदभाव, उन्हें नहीं मिल रहे उचित स्थान और सम्मान को मुद्दा बना रहे हैं. इसके साथ ही पार्टी और सरकार में दलितों और पिछड़ों की कम होती आवाज भी हावी होती जा रही है.

BJP पर ब्राह्मणवाद फैलाने का आरोप

जिस तरीके से बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के साथ ने बीजेपी को फूलपुर और गोरखपुर में धूल चटाई है. उसके बाद से बीजेपी पिछड़ों और दलितों को लेकर बैकफुट पर है जबकि विपक्ष पार्टी पर ब्राह्मणवाद फैलाने का आरोप लगा रहा है.

Advertisement

इसलिए आगे है स्वतंत्र देव सिंह का नाम

पार्टी सूत्रों के मुताबिक बीजेपी पार्टी के सबसे बड़े पद के लिए ऐसे शख्स की तलाश कर रही है, जो अपेक्षाकृत कम उम्र का हो, अच्छा संगठनकर्ता हो और चुनावी साल को देखते हुए खूब दौड़-भाग कर सके. यही वजह है कि स्वतंत्रदेव सिंह का नाम सबसे आगे है.

10 अप्रैल को लखनऊ पहुंचेंगे शाह

योगी सरकार के मंत्रिमंडल में जल्द ही फेरबदल होने वाले हैं और पार्टी मंत्रिमंडल के बहाने भी एक बार फिर से जातीय संतुलन साधने की कोशिश कर सकती है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह दो दिनों के लिए 10 अप्रैल को लखनऊ आ रहे हैं और उनकी यात्रा में संगठन से लेकर सरकार तक के कई चेहरे तय हो जाएंगे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement