
उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने के दो साल से अधिक समय बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पहला मंत्रिमंडल विस्तार कर दिया. योगी मंत्रिमंडल के पहले विस्तार में 18 नए मंत्रियों को जगह दी गई, वहीं पांच पुराने मंत्रियों को भी प्रोन्नत किया गया.
प्रमोट होने वाले मंत्रियों में सुरेश राणा, महेंद्र सिंह, अनिल राजभर, भूपेंद्र सिंह चौधरी और नीलकंठ तिवारी शामिल हैं. इन पांच में से चार मंत्रियों को कैबिनेट, जबकि नीलकंठ तिवारी को राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में प्रोन्नति मिली. शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रोन्नत मंत्रियों की खुले दिल से तारीफ की और इनकी प्रोन्नति का कारण भी बताया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन मंत्रियो की काम करने की शैली के कारण ही इन्हें प्रोन्नत किया गया. प्रमोट होनेवाले मंत्रियों मे सबसे मजबूत मंत्री सुरेश राणा रहे, जिन्हें पहले गन्ना विभाग में स्वतंत्र प्रभार का राज्यमंत्री बनाया गया था. राणा ने अपने कार्यकाल मे पिछले 10 सालों में गन्ना किसानों की भुगतान की समस्या को न सिर्फ सुलझाया, बल्कि बिना किसी विवाद के वर्षों से लंबित अधिकतर बकाए का भुगतान भी सुनिश्चित कराया.
राणा ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए तमाम समस्याओं का निराकरण कराया. सुरेश राणा की छवि किसानों का हित सोचने वाले नेता की बनी और कृषि प्रधान सूबे के बड़े वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए उन्हें प्रोन्नत कर इनाम दिया गया. राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में ग्राम्य विभाग में महेंद्र सिंह ने तबादलों मे पारदर्शिता से अलग छाप छोड़ी और प्रधानमंत्री आवास योजना व रोजगार गारंटी योजना के माध्यम से रोजगार देने में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी से भी अलग पहचान बनाई.
अनिल को मिला राजभर वोटरों को जोड़े रखने का इनाम
प्रोन्नत होने वाले मंत्रियों में अनिल राजभर ने राजभर समाज में न सिर्फ अपनी पकड़ बनाई, बल्कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री रहे ओमप्रकाश राजभर के भाजपा विरोध के बावजूद राजभर वोटरों को भाजपा से जोड़े रहने में कामयाबी हासिल की. इसका इनाम उन्हें मिला. अनिल राजभर को राजभर समाज के वोटों पर ओम प्रकाश राजभर का एकाधिकार समाप्त करने की कोशिश के तहत कद बढ़ाने की रणनीति के तहत उठाया गया कदम माना जा रहा है.
भूपेंद्र के लिए वरदान साबित हुई सांगठनिक कुशलता
भूपेंद्र सिंह चौधरी की सांगठनिक कार्यकुशलता उनके लिए वरदान साबित हुई. चौधरी के समय में केंद्र सरकार की बेहद महत्वपूर्ण शौचालय योजना में प्रदेश में 1.5 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण हुआ और लगभग पूरा प्रदेश ओडीएफ घोषित हुआ.