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मुलायम सिंह और मायावती के कार्यकाल की परियोजनाओं की होगी जांच, SIT को जिम्मेदारी

उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव से लेकर मायावती सरकार के दौरान लोक निर्माण विभाग में हुए 1000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं में घोटाले की जांच अब एसआईटी करेगी.

योगी सरकार ने किया एसआईटी का गठन योगी सरकार ने किया एसआईटी का गठन
शिवेंद्र श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 24 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 3:20 PM IST

उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव से लेकर मायावती सरकार के दौरान लोक निर्माण विभाग में हुए 1000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं में घोटाले की जांच अब एसआईटी करेगी. इस मामले में शासन की तरफ से आदेश मिलने के बाद एसआईटी ने पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव से घोटाले से संबंधित दस्तावेजों की मांग कर दी है.

इस मामले में जांच की शुरुआत साल 2004 में हुई थी, जिसके दायरे में 13 जिलों की 137 योजनाएं आईं. जानकारी के मुताबिक मामला काफी पुराना होने की वजह से वाराणसी जोन और प्रयागराज जोन को संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी भी दी गई है.

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साल 2004 से 2012 के बीच उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव और मायावती की सरकार रही है. उस दौरान वाराणसी, भदोही, सोनभद्र, चंदौली, गाजीपुर, मऊ, बलिया ,जौनपुर, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, आजमगढ़, श्रावस्ती और प्रयागराज में परियोजनाएं चलाई गई थी. जिनके बारे में आरोप है कि जो भी काम कराया गया, उसकी एवज में अधिक भुगतान किया गया लेकिन परियोजनाएं वक्त पर पूरी नहीं हुई.

समय-समय पर इसकी विभागीय जांच हुई लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकला. लिहाजा इस मामले में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने विस्तृत जांच कराने का फैसला करते हुए एसआईटी का गठन किया और पिछले 10 साल के माया और मुलायम के शासनकाल के दौरान शुरू हुई इन परियोजनाओं की पूरी जांच कराने का निर्देश दिया है. अब एसआईटी के अधिकारी इस मामले से जुड़ी हुई तमाम फाइलें इकट्ठा करके जांच शुरू करेंगे.

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