
उत्तर प्रदेश में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ एक के बाद एक आपराधिक वारदातों से पुलिस आलोचनाओं के घेरे में है. बढ़ते अपराध को लेकर कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्ष आक्रामक है. यूपी सरकार रेप और अपहरण की घटनाओं से बैकफुट पर है. अब सरकार ने इस चुनौती से निपटने के लिए नई योजना बनाई है.
यूपी में अब महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाली आपराधिक गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए महिला और बाल सुरक्षा संगठन की स्थापना होगी. प्रदेश में इसके लिए समन्वित प्रयासों के लिए सूबे में अपर पुलिस महानिदेशक, महिला एवं बाल विकास सुरक्षा का नया पद भी बनाया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी मंजूरी दे दी है.
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बताया जाता है कि अपर पुलिस महानिदेशक, महिला एवं बाल सुरक्षा के लिए अलग कार्यालय होगा जिसकी जल्द ही स्थापना की जाएगी. इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली नियमावली 2020 के प्रावधान के मुताबिक लखनऊ और मेरठ में संपत्ति क्षति दावा अधिकरण का गठन किए जाने को भी मंजूरी दे दी है.
गौरतलब है कि यूपी में पिछले कुछ दिनों में ही एक के बाद एक, अपहरण, रेप और हत्या की कई वारदातें हुईं. इन घटनाओं को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर है और प्रदेश में जंगलराज के आरोप लगा रहा है.
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्म भूमि गोरखपुर में ही एक 17 साल की दलित किशोरी से रेप के बाद उसे सिगरेट से जलाए जाने की घटना हुई है. वहीं, गोरखपुर में ही एक बच्चे के अपहरण की वारदात हुई थी. बच्चे के पान विक्रेता पिता से अपहरणकर्ताओं ने एक करोड़ की फिरौती मांगी थी. बाद में एसटीएफ ने बच्चे की लाश बरामद की थी.