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UP में बाढ़, गंगा का बढ़ा जलस्तर, काशी में मणिकर्णिका घाट भी डूबा

बरसाती नाले में उफान से देवरिया जैसे जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. राहत और बचाव के लिए एनडीआरएफ की टीम तक बुलानी पड़ी, तो काशी में मणिकर्णिका घाट की सीढ़ियां भी गंगा की लहरों में डूब गईं.

यूपी में बाढ़ से बड़े स्तर पर तबाही मची है (IANS) यूपी में बाढ़ से बड़े स्तर पर तबाही मची है (IANS)
aajtak.in
  • लखनऊ,
  • 15 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 9:12 AM IST

उत्तर प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में मॉनसून की भारी बारिश आफत बनकर आई है. इससे कई हिस्से इस वक्त बाढ़ की चपेट में हैं. नदियों का जलस्तर बढ़ने के कारण पूर्वी उत्तर प्रदेश और तराई के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं. असम, बिहार के साथ उत्तर प्रदेश में भी बाढ़-बारिश का तांडव जारी है. बरसाती नाले में उफान से देवरिया में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. राहत और बचाव के लिए एनडीआरएफ की टीम तक बुलानी पड़ी, तो काशी में मणिकर्णिका घाट की सीढ़ियां भी गंगा की लहरों में डूब गईं.

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तेजी से बढ़ रहा जलस्तर

गंगा में उफान से काशी के घाटों की सीढ़ियां तेजी से बाढ़ के पानी में डूबने लगी हैं. चौबीस घंटे में इसका करीब डेढ़ मीटर जलस्तर बढ़ गया है. नाविकों को अलर्ट कर दिया गया है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, वाराणसी में जलस्तर पांच सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है.

बाढ़ राहत आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, "बाढ़ ग्रासित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है. जहां-जहां जलभराव ज्यादा हो गया है, वहां के लोगों को उस जिले के अधिकारी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं. एनडीआरएफ टीमों को अलर्ट कर दिया गया है. हर चुनौती से निपटने की पूरी तैयारी है.

बलरामपुर जिले में बाढ़ जैसे हालात शुरू हो गए हैं. जिले के तराई क्षेत्रों में तमाम गांवों में पानी घुस चुका है. जिले से गुजरने वाली राप्ती नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान को पार कर गया है. प्रति घंटा 2 सेंटीमीटर राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ रहा है. नदी का जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो स्थिति भयावह हो सकती है.

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खतरे के निशान से ऊपर राप्ती नदी

महाराजगंज तराई क्षेत्र, शिवपुरा, हरैया और जिला मुख्यालय से तुलसीपुर को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग स्थित लौकहवा डिप पर भारी जलजमाव हो चुका है, जिससे आवागमन भी बाधित हो रहा है. शनिवार रात लगातार करीब आठ घंटे हुई भारी बारिश से राप्ती का जलस्तर भी खतरे के निशान को पार कर गया है. नदी खतरे के निशान से करीब 8 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. राप्ती भी आसपास के तमाम गांव को अपनी चपेट में लेने के लिए बेताब हो रही है.

राप्ती नदी के तट पर रहने वाले रामकुमार ने बताया कि प्रशासन और शासन की ओर से अभी राप्ती नदी के तट पर एक भी नाव का इंतजाम नहीं किया गया है. अगर बाढ़ आ जाती है तो तमाम लोगों की जान भी जा सकती है. पानी बढ़ने से आसपास के दर्जनों गांवों मन्नीपुरटिकुइया, सोनार, बलरामपुर देहात, धर्मपुर, बंजारी, गंगाडिहवा, गुर्जरपुरवा, सिसई, लौकहवा, रंजीतपुर, गांव चपेट में आ जाएंगे.

अयोध्या और तुर्तीपार पर सरयू नदी चेतावनी के निशान को पार कर गई है. यह गोरखपुर के कुछ इलाकों के लिए खतरे का संकेत है, इसलिए गोरखपुर की सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है.

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