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SP-BSP के बाद कांग्रेस एकला चलो की राह पर, बिन गठबंधन लड़ेगी चुनाव

उत्तर प्रदेश में मिली हार के बाद मंथन करने रायबरेली पहुंची प्रियंका गांधी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में मिली हार से हताश होने की जरूरत नहीं है बल्कि नई ऊर्जा और जोश के साथ 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अभी से तैयारी शुरू करनी होगी. क्योंकि कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव बिना किसी से गठबंधन के किए हुए अकेले लड़ेगी.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (फोटो-फाइल) कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (फोटो-फाइल)
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 14 जून 2019,
  • अपडेटेड 8:55 AM IST

उत्तर प्रदेश में करारी हार पर मंथन के लिए यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी बुधवार को रायबरेली पहुंची थी. प्रियंका गांधी ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के हारे पार्टी प्रत्याशियों और जिला अध्यक्षों के साथ भुएमऊ गेस्ट हाउस में बैठक कर हार की समीक्षा की.

इस दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में मिली हार से हताश होने की जरूरत नहीं है बल्कि नई ऊर्जा और जोश के साथ 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अभी से तैयारी शुरू करनी होगी. क्योंकि कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव बिना किसी से गठबंधन के किए हुए अकेले लड़ेगी. बता दें कि इससे पहले सपा-बसपा के बीच गठबंधन टूट गया है और सूबे में होने वाले उपचुनाव में दोनों दल अलग-अलग चुनाव लड़ने का एलान कर चुके हैं.

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हार से हताश कांग्रेस

बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और महज 7 सीटें ही जीत सकी थी. इस बार के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के लहर में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी में अपनी सीट नहीं बचा सके हैं. राहुल को स्मृति ईरानी ने अमेठी करीब 50 हजार वोटों से हराया है. जबकि यह इलाका कांग्रेस का मजबूत गढ़ माना जाता रहा है.

लोकसभा चुनाव से ऐन पहले प्रियंका गांधी ने सक्रिय राजनीतिक में कदम रखा और पार्टी आलाकमान ने उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया. प्रियंका के कंधों पर 41 लोकसभा सीटों की  जिम्मेदारी थी, लेकिन सोनिया गांधी को छोड़कर कोई भी सीट कांग्रेस जीत नहीं सकी. अब तक की राजनीति में कांग्रेस के लिए यह तगड़ा झटका था, जहां पार्टी का सारे दिग्गज नेता सूबे में धराशाई हो गए.

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40 जिलों के प्रत्याशियों ने रखनी बात

प्रियंका गांधी के सामने रायबरेली की समीक्षा बैठक में पूर्वी उत्तर प्रदेश के 40 जिलों के पार्टी अध्यक्ष और हारे पार्टी प्रत्याशियों ने बारी-बारी हार की वजह बताई. इनमें उन्नाव से प्रत्याशी रही अनु टंडन, प्रतापगढ़ से प्रत्याशी रत्ना सिंह, सुल्तानपुर से उम्मीदवार रहे डॉ. संजय सिंह और बहराइच से चुनाव लड़ी सावित्री बाई फूले समेत सभी उम्मीदवारों ने प्रियंका को अपनी हार की वजह गिनाई.

प्रियंका ने कैंडिडेट से पूछे ये सवाल

प्रियंका गांधी ने सामूहिक रूप से सभी प्रत्याशियों से पूछा कि क्या आप लोगों को संगठन का साथ नहीं मिला?  जनता ने कांग्रेस के बजाय बीजेपी का सपोर्ट क्यों किया. इस चुनाव में क्या मुद्दे रहे? मायावती और अखिलेश यादव के गठबंधन से पार्टी पर क्या फर्क पड़ा? ऐसे ही कई सवाल प्रियंका गांधी ने पूछे, जिस पर सभी उम्मीदवारों ने अपनी-अपनी बातें रखी.

बैठक के बाद कांग्रेस के दिग्गज नेता डॉ संजय सिंह ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि कांग्रेस नेताओं और जिला अध्यक्षों ने एक सुर में कहा कि 2022 के लिए पार्टी को किसी से गठबंधन नहीं करना चाहिए बल्कि अकेले ही चुनावी मैदान में उतरना होगा. 

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