
10 साल तक पाकिस्तान की जेल में बंद रहने के बाद पुनवासी लाल आखिरकार अपने घर लौट आए हैं. उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के रहने वाले पुनवासी लाल मंगलवार को अपनी घर की दहलीज में पहुंचे, जिसे उन्होंने 10 साल पहले पार किया था. पुनवासी की घर वापसी पर परिवार में खुशी का माहौल है.
पुलिस का कहना है कि पुनवासी लाल मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं और 10 साल पहले वो राजस्थान बॉर्डर पर गलती से पाकिस्तान की ओर चले गए थे. इसके बाद पाकिस्तान सेना ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. उन्हें 10 साल तक लाहौर जेल में रखा गया था. उन पर अनाधिकृत रूप से प्रवेश करने का इल्जाम था.
मिर्जापुर के एसपी अजय कुमार सिंह ने कहा कि सभी कागजी कार्यवाही पूरी होने के बाद पुनवासी लाल अपने घर लौट आए हैं. पुनवासी का स्वागत उनकी बहन और पत्नी के भाई के अलावा जिलाधिकारी अविनाश कुमार सिंह और एसपी अजय कुमार सिंह ने किया. पुनवासी को वापस भारत लाने की कवायद 5 साल पहले शुरू हुई थी.
देखें: आजतक LIVE TV
दरअसल, इस बारे में केंद्र सरकार ने वाराणसी जिला प्रशासन को एक चिट्ठी लिखी थी, लेकिन पुनवासी के घर का पता नहीं चल पा रहा था. 2019 में एलआईयू ने पुनवासी के परिजनों को खोजा था. वह मिर्जापुर के कोतवाली देहात पुलिस स्टेशन के भारूहाना गांव के रहने वाले हैं.
पुनवासी की बहन किरन ने उनकी पहचान तस्वीर से की और बताया कि वह 10 साल से लापता हैं. पुनवासी लाल के घर का पता लगने के बाद केंद्र सरकार ने उनकी वापसी की जद्दोजहद शुरू कर दी. आखिरकार पाकिस्तानी सेना ने 17 नवंबर, 2020 को पुनवासी लाल को अटारी बॉर्डर पर बीएसएफ को सुपुर्द कर दिया.
इसके बाद मिर्जापुर पुलिस ने उनकी बहन और पत्नी के पति को अमृतसर भेजा. मंगलवार को पुनवासी अपने रिश्तेदारों के साथ मिर्जापुर पहुंचे. पुनवासी लाल को लालगंज भेज दिया गया है, जहां उनकी बहन रहती हैं.