Advertisement

यूपी एमएलसी चुनाव में शर्मा गुट के वर्चस्व को तोड़ पाएगी बीजेपी? 

उत्तर प्रदेश के छह शिक्षक और पांच स्नातक कोटे की MLC सीट के लिए बीजेपी, सपा, कांग्रेस और शिक्षक संघों के अलावा निर्दलीय समेत कुल 199 उम्‍मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं. शिक्षक और स्नातक कोटे के एमएलसी चुनाव में अब तक ओम प्रकाश शर्मा गुट पूरी तरह हावी रहा है, लेकिन इस बार के चुनाव में बीजेपी ने शर्मा गुट के सियासी वर्चस्व तोड़ने के लिए शिक्षक कोटे की सीटों पर पहली बार अपने उम्मीदवार उतारे हैं. 

शिक्षक संघ से एमएलएस ओम प्रकाश शर्मा शिक्षक संघ से एमएलएस ओम प्रकाश शर्मा
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली ,
  • 19 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 1:49 PM IST
  • ओम प्रकाश शर्मा 48 साल से लगातार एमएलसी हैं
  • शर्मा गुट के चार नेता एमएलएसी पिछली बार बने थे
  • शर्मा गुट के लिए सपा और बीजेपी बन गई है चुनौती

उत्तर प्रदेश के छह शिक्षक और पांच स्नातक कोटे की MLC सीट के लिए बीजेपी, सपा, कांग्रेस और शिक्षक संघों के अलावा निर्दलीय समेत कुल 199 उम्‍मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं. शिक्षक और स्नातक कोटे के एमएलसी चुनाव में अब तक ओम प्रकाश शर्मा गुट पूरी तरह हावी रहा है, लेकिन इस बार के चुनाव में बीजेपी ने शर्मा गुट के सियासी वर्चस्व तोड़ने के लिए शिक्षक कोटे की सीटों पर पहली बार अपने उम्मीदवार उतारे हैं.

Advertisement

शिक्षक कोटे से मेरठ क्षेत्र पर ओम प्रकाश शर्मा का कब्जा है. शर्मा पिछले 48 साल अर्थात आठ बार से लगातार एमएलसी निर्वाचित होते आ रहे हैं और 9वीं बार फिर से मैदान में उतरे हैं. वहीं, मेरठ की स्नातक सीट से भी उनके ही गुट के हेम सिंह पुंडीर लगातार चार बार से एमएलसी चुने गए और एक बार फिर किस्मत आजमा रहे हैं.

इस तरह से ब्राह्मण और ठाकुर समीकरण के सहारे ओम प्रकाश शर्मा गुट का शिक्षक और स्नातक कोटे की एमएलसी सीटों पर एकछत्र राज है. फिलहाल यूपी की 11 सीटों में से दो पर बीजेपी, दो पर सपा, चार पर शर्मा गुट और तीन पर निर्दलीय का कब्जा है. 

यूपी के शिक्षक और स्नातक की 11 एमएलसी सीटों पर चुनाव पहले अप्रैल में प्रस्तावित था लेकिन लॉकडाउन के चलते चुनाव नहीं हो पाया. बीजेपी ने सूबे में पंचायत से लेकर लोकसभा तक हर चुनाव लड़ने का एलान कर रखा था. एमएलसी चुनाव में जीत का परचम फहराने के लिए बीजेपी ने बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर स्नातक सीट के लिए वोटर बनाए.  

Advertisement

दूसरी तरफ शिक्षक कोटे की सीटों के लिए ऐसे निजी कॉलेज और स्कूलों के शिक्षक भी वोटर बनाए गए, जो अपने शिक्षकों को सरकारी जानकारी में नियुक्ति और वेतन प्रदान करने का काम करते हैं. यही वजह है कि इस बार के चुनाव में बढ़े वोटरों के चलते शर्मा गुट के लिए अपने पुराने इतिहास को दोहराने की चुनौती खड़ी हो गई है. 

बीजेपी की रणनीति
बीजेपी विधान परिषद में अपनी ताकत बढ़ाने के लिए बाहरी उम्मीदवार को उतारने से भी गुरेज नहीं कर रही. वित्तविहीन संघ के उमेश द्विवेदी को लखनऊ शिक्षक क्षेत्र से पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है. पिछली बार द्विवेदी ने निर्दलीय जीत दर्ज की थी. वाराणसी और गोरखपुर में अपना उम्मीदवार सीधे न उतार बीजेपी समर्थन का रास्ता अपना रही है.

बीजेपी प्रत्याशी
बीजेपी से स्नातक कोटे की सीटों के लिए लखनऊ से अवनीश सिंह पटेल, वाराणसी से केदारनाथ सिंह, आगरा से मानवेंद्र सिंह, मेरठ से दिनेश गोयल और इलाहाबाद झांसी से डॉ. यज्ञदत्त शर्मा मैदान में हैं. वहीं, शिक्षक कोटे के लिए बीजेपी की ओर से लखनऊ से उमेश द्विवेदी, आगरा से दिनेश वशिष्ठ, मेरठ से शिरीषचंद्र शर्मा और बरेली-मुरादाबाद से हरि सिंह ढिल्लो प्रत्याशी हैं. वहीं वाराणसी सीट पर चेतनारायण सिंह और गोरखपुर-फैजाबाद सीट पर अजय सिंह को पार्टी ने समर्थन दिया है. 

Advertisement

सपा ने भी झोंकी ताकत
सपा ने अपने दोनों मौजूदा एमएलसी संजय मिश्र और असीम यादव को फिर से मैदान में उतारा है. अन्य सीटों पर भी जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवार उतारे गए हैं. स्नातक कोटे में लखनऊ खंड से राम सिंह राणा, आगरा खंड से डॉक्टर असीम, मेरठ से शमशाद अली, वाराणसी से आशुतोष सिन्हा और इलाहाबाद-झांसी खंड से डॉक्टर मान सिंह मैदान में हैं.

वहीं, शिक्षक कोटे की सीट के लिए लखनऊ से उमाशंकर चौधरी पटेल, वाराणसी से लाल बिहारी, बरेली-मुरादाबाद खंड से संजय कुमार मिश्रा, मेरठ से धर्मेंद्र कुमार, गोरखपुर फैजाबाद खंड से अवधेश कुमार और आगरा से हेवेन्द्र सिंह चौधरी हऊआ किस्मत आजमा रहे हैं. 

शर्मा गुट को साख बचाने का सवाल
विधान परिषद में दबदबा बनाए रखने वाले शिक्षक संघों खासकर शर्मा गुट के लिए साख बचाने की चुनौती है. इस बार शर्मा गुट को अन्य शिक्षक संगठनों से तगड़ी टक्कर मिलने के साथ राजनीतिक दलों द्वारा की जा रही घेराबंदी से भी जूझना है.

अब तक कभी नहीं हारने वाले शर्मा गुट के प्रमुख ओमप्रकाश शर्मा को मेरठ में अपनी सीट बचाए रखने के लिए जूझना पड़ रहा है. 48 साल से उनका कब्जा है. इस बार शिक्षक सीट पर उनके सामने  उमेश त्यागी, रजनीश चौहान और स्वराज पाल दूहण मैदान में हैं तो राजनीतिक दलों में भाजपा के शिरीष चंद शर्मा और सपा के धर्मेंद्र यादव उम्मीदवार हैं.

Advertisement

वहीं, स्नातक सीट पर शिक्षक संगठनों से हेम सिंह पुंडीर, सुशील सिंह, हरकेश सिंह के अलावा भाजपा के दिनेश गोयल, कांग्रेस के जेके गौड़ और सपा के शमशाद मलिक आमने-सामने हैं. ऐसे ही शर्मा गुट के आगरा से जगवीर किशोर जैन और गोरखपुर-फैजाबाद से ध्रुव कुमार त्रिपाठी को भी कड़ी चुनौती मिल रही है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement