
निकम्मे पुलिस अधिकारियों को जबरन रिटायर करने के मामले में उत्तरप्रदेश सरकार ने अपना ऑपरेशन शुरू कर दिया है. योगी सरकार ने कुछ महीने पहले ही फरमान सुनाया था कि 50 साल की उम्र पूरी कर चुके लापरवाह और काम न करने वाले पुलिस अधिकारियों को विभाग से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा. इस कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार ने देवरिया जिला पुलिस से 5 लोगों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी है.
देवरिया जिले के जिन पुलिसवालों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है उनमें वे लोग हैं जो 50 साल की उम्र के पार हैं और जिनके खिलाफ लगातार लापरवाही और कामचोरी की शिकायतें मिल रही थीं . इस मामले में देवरिया जिले के एसपी की अगुवाई में एक स्क्रीनिंग कमेटी बनाई गई थी. कमेटी ने अपनी जांच में पाया कि देवरिया पुलिस में काम करने वाले उप निरीक्षक रविंद्र कुमार, सीताराम, ओम प्रकाश, रवि प्रताप और श्रवण कुमार लगातार अपने काम में लापरवाही करते रहे हैं और उनके खिलाफ विभाग में कई शिकायतें भी मिली हैं.
जानकारी के अनुसार जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी थी. जिसके आधार पर इन लोगों को जबरन रिटायर करने की कार्रवाई की गई है. योगी सरकार के इस एक्शन के बाद उत्तर प्रदेश के कई जिलों के पुलिस अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ हैं. क्योंकि हाल ही में योगी सरकार ने सभी जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को फरमान जारी किया था कि जिले के निकम्मे पुलिसवालों की पहचान कर उनको बाहर का रास्ता दिखाया जाए.
अब जिले के तमाम पुलिसवालों में डर का माहौल है. खासकर जो 50 की उम्र के पार हैं साथ ही जिनके खिलाफ कई शिकायतें और लापरवाही के मामले दर्ज हैं. उन्हें डर है कि कहीं उनका नंबर ना आ जाए. फिलहाल इस कार्रवाई के बाद यह भी कहा जा रहा है कि बहुत से अधिकारियों ने अपने काम में सुधार किया है और मुस्तैदी दिखानी भी शुरू की है जिससे कहीं इस नए फरमान की गाज उन पर न गिर जाए.