Advertisement

Samajwadi Party के विधानमंडल दल की बैठक में शामिल नहीं हुए शिवपाल यादव

Samajwadi Legislative Party Meet: लखनऊ में रविवार को हुई विधानमंडल दल की बैठक की अध्यक्षता अखिलेश यादव ने की. इस दौरान शिवपाल यादव अपनी पार्टी के कार्यालय में मौजूद रहे. लेकिन बैठक में शामिल नहीं हुए.

शिवपाल यादव/अखिलेश यादव (File Photo) शिवपाल यादव/अखिलेश यादव (File Photo)
संतोष शर्मा
  • लखनऊ,
  • 22 मई 2022,
  • अपडेटेड 3:16 PM IST
  • सपा कार्यालय में 2 घंटे तक चली विधानमंडल दल की बैठक
  • कई दिनों से अखिलेश से खफा चल रहे हैं शिवपाल

Samajwadi Legislative Party Meet: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. आज लखनऊ में सपा के पार्टी कार्यालय में दोपहर के समय विधानमंडल दल की बैठक हुई. इस बैठक में समाजवादी पार्टी के सभी विधायक और MLC को शामिल हुए. लेकिन लखनऊ में होने के बावजूद शिवपाल यादव इस बैठक में शामिल नहीं हुए. 

Advertisement

लखनऊ में हो रही विधानमंडल दल की बैठक की अध्यक्षता अखिलेश यादव ने की. बैठक करीब 2 घंटे चली. मीटिंग में विधानसभा सत्र को लेकर आगामी रणनीति पर बात हुई. इस दौरान तय किया गया कि सपा सत्र के दौरान महंगाई बेरोजगारी के साथ-साथ मेडिकल कॉरपोरेशन में 16 करोड़ से अधिक मिली एक्सपायरी दवाओं का मुद्दा भी उठाएगी.

बता दें कि यूपी चुनाव में मिली करारी हार के बाद से ही शिवपाल यादव सपा से खफा चल रहे हैं. अखिलेश संग भी उनकी तकरार जगजाहिर हो गई है. इस बीच ऐसी भी अटकलें रहीं कि शिवपाल बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. 

चुनाव के दौरान सामने आई थी नाराजगी की बात

शिवपाल यादव की नाराजगी की बात करें तो वे कई कारणों की वजह से सपा से दूर हो गए हैं. इसकी शुरुआत तो विधानसभा चुनाव से पहले ही हो गई थी, जब बात सीट बंटवारे को लेकर हो रही थी. उस समय शिवपाल यादव अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नेताओं के लिए कम से कम 100 सीटें चाहते थे. लेकिन अखिलेश यादव ने सिर्फ एक ही सीट देने का फैसला किया था और वो भी सिर्फ शिवपाल यादव को जसवंत नगर से मिली थी. उस समय शिवपाल को चुनाव भी सपा की टिकट पर लड़ना पड़ा था.

Advertisement

अखिलेश ने कहा था- भाजपा लेना चाहे तो ले ले

हाल ही में अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव को लेकर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि वे चाचा से नाराज नहीं हैं. वहीं, को लेकर उन्होंने कहा था कि भाजपा चाचा को लेना चाहे तो ले ले, किसने मना किया है. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement