
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर के भारतीय जनता पर्टी (बीजेपी) में शामिल होते ही उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के भीतर खलबली मच गई है. नीरज शेखर की तरह सपा के और भी सांसद उच्च सदन से इस्तीफा दे कर पाला बदल सकते हैं. चर्चा है कि सपा और बसपा के चार राज्यसभा सदस्य पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम सकते हैं.
सूत्रों की मानें तो ये राज्यसभा सदस्य बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से लगातार संपर्क में हैं. समाजवादी पार्टी के 3 राज्यसभा सांसदों की भाजपा के नेतृत्व से बातचीत चल रही है, जिसमें से 2 सांसदों की बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी. ऐसे में दोनों सांसद किसी भी वक्त अखिलेश यादव का साथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. इनमें एक राज्यसभा सांसद पश्चिम यूपी से हैं तो दूसरे पूर्वांचल से आते हैं.
सपा की तरह बीएसपी के दो राज्यसभा सदस्यों के शामिल होने की चर्चा है. सूत्रों की मानें तो बसपा के राज्यसभा सदस्यों से भी बात हो रही है, लेकिन अभी तक उन्होंने हरी झंडी नहीं दी है. ऐसे में वो मायावती का साथ छोड़कर बीजेपी में जाएंगे या नहीं, यह कहना मुश्किल है. नीरज शेखर के पार्टी छोड़ने के बाद मौजूदा समय में सपा के 12 और बसपा के 4 राज्यसभा सदस्य हैं.
बता दें कि योगी सरकार के बनते ही कुछ इसी तरह विधान परिषदों के सदस्यों का बीजेपी में शामिल होने का सिलसिला शुरू हुआ था. उस वक्त सपा और बसपा के कई विधान सभा परिषद के सदस्य पार्टी से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए थे, जिन्हें बाद में बीजेपी ने अपने कोटे से सदन में जगह दी थी.
अब ऐसी ही स्थिति केंद्र में भी बनती दिख रही है जो सांसद अपनी राज्यसभा की सीट से इस्तीफा देकर बीजेपी जाएंगे वे लगभग सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें बीजेपी से राज्यसभा भेजा जाए. हालांकि पार्टी के पास दूसरे फॉर्मूले भी मौजूद हैं लेकिन माना यह जा रहा है बीजेपी कुछ राज्यसभा सांसदों को अपने पाले में आने के बाद उच्च सदन में भेज सकती है.
बता दें कि राज्यसभा कार्यकाल पूरा होने के बाद नरेश अग्रवाल सपा छोड़कर बीजेपी में पहले ही आ चुके हैं लेकिन अभी तक संसद नहीं पहुंचे हैं. ऐसे में सपा या बसपा छोड़ने वाले सांसद पहले अपनी सीट पक्की करना चाहते हैं. अब देखना है कि फिलहाल जो पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम रहे हैं, उन राज्यसभा सांसदों को किस तरीके से पुनर्वासित करती है.
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले ही सत्र में सत्ताधारी एनडीए राज्यसभा में बहुमत के काफी करीब पहुंच रहा है. 245 सदस्यीय सदन में 5 पद रिक्त हैं, सदन में बहुमत के लिए 121 सांसद चाहिए. इस समय एनडीए और निर्दलीय और मनोनीत सदस्यों को मिला कर बीजेपी खेमे में 116 सांसद हैं. इस तरह से अगर सपा के दो और सांसदों ने इस्तीफा दिया तो बहुमत का आंकड़ा 119 रह जाएगा. फिर नीरज और इन दोनों की सीट पर उपचुनाव हुए तो सभी सीटें बीजेपी की झोली में जाएगी.
टीडीपी के चार और इनेलो के एक सांसद के बीजेपी में जाने के बाद पार्टी की स्थिति उच्च सदन में मजबूत हो गई है. तीन तलाक, नागरिकता संशोधन, एनआईए संशोधन सहित पार्टी के एजेंडे से जुड़े अहम बिल को पारित कराने के लिए पार्टी को बीजेडी, टीआरएस और वाईएसआर कांग्रेस में से एक भी दल का साथ मिला तो सरकार की परेशानी दूर हो जाएगी. इन तीन दलों के पास 15 सांसद हैं.