
बुलेट की सवारी करते हुए रौब गांठने वाले युवक कभी तेज हॉर्न का इस्तेमाल करते हैं तो कभी साइलेंसर से पटाखा छोड़ते हैं. यह तो आम हो चला है लेकिन अपने मस्तमौला अंदाज के लिए जाने जाने वाले वाारणसी में नंबर प्लेट पर नंबर की बजाय विशुद्ध बनारसी अंदाज में एक कोट लिखना युवक को भारी पड़ गया. पुलिस ने उसे उसी की भाषा में जवाब दिया और बुलेट को थाने ले जाकर सीज कर दिया.
जानकारी के अनुसार एक युवक ने अपनी नई बुलेट की नंबर प्लेट पर नंबर की जगह ये लिखवाना 'आई त लिखाई '. युवक की बुलेट के नंबर प्लेट पर लिखे यह शब्द पुलिस को चुनौती देने जैसा लगा. पुलिस ने इसे कानून की धज्जियां उड़ाना समझा. युवक ने पुलिस के पूछने पर भी वही बात दोहरा दी. फिर क्या था, वाहनों की जांच कर रहे इंस्पेक्टर को गुस्सा आ गया और उन्होंने युवक को उसी भाषा में जवाब देते हुए कहा कि 'लिखाई तब्बे थाने से जाई ' और बुलेट को थाने भिजवा दिया.
यह वाकया शहर के भेलूपुर थाना क्षेत्र के अस्सी इलाके का है. वाहन छोड़ने के लिए दबाव बनाने को कई पैरोकारों के फोन भी आए, लेकिन इंस्पेक्टर ने साफ कह दिया कि 'लिखाई तब्बे थाने से जाई'. संदेश साफ था कि बुलेट पर जब तक नंबर नहीं लिख जाएगा, तब तक उसे थाने में ही रखा जाएगा. इस मामले के तूल पकड़ने पर भेलूपुर थाने के प्रभारी निरीक्षक राजीव रंजन ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि बगैर नंबर की गाड़ियों से अपराध होते रहते हैं. ऐसे में अपराधी की पहचान मुश्किल हो जाती है.
राजीव रंजन के कहा चेकिंग के दौरान बगैर नंबर की बुलेट देखी गई जिसपर लिखा था 'आई त लिखाई'. पुलिस के पूछने पर बुलेट चालक ने सफाई दी कि साहब इंग्लिश में एप्लाइड फॉर लिखवाने पर भी यही अर्थ होगा. ऐसे में उसने अंग्रेजी की जगह स्थानीय बनारसी भाषा का उपयोग किया. उन्होंने कहा कि पुलिस ने भी स्थानीय भाषा में ही बुलेट चालक को जवाब देते हुए कहा कि 'लिखाई तब्बे थाने से जाई' और बुलेट को थाने लाया गया. रंजन ने कहा कि अब बुलेट को छोड़ने का निर्णय न्यायालय करेगा.