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UP Elections 2022: योगी सरकार का दावा- 75 में से 44 जिले हुए आवारा पशुओं से मुक्त, अब आएंगे किसानों के काम

Uttar Pradesh Assembly Elections: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया है कि प्रदेश के 75 में से 44 जिले अब आवारा पशुओं से मुक्त हो चुके हैं. उन्होेंने कहा कि जल्द ही इन आवार पशुओं को किसानों के काम में लाया जाएगा.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
aajtak.in
  • लखनऊ,
  • 27 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 3:23 PM IST
  • यूपी में अवैध बूचड़खाने पूरी तरह से हुए बंदः CM योगी
  • आश्रय में हैं 9 लाख से ज्यादा आवारा पशु

Uttar Pradesh Assembly Elections 2022: उत्तर प्रदेश में रविवार को पांचवें चरण की वोटिंग हो रही है. पांचवें चरण की वोटिंग के बीच प्रदेश की सत्तासीन योगी सरकार (Yogi Government) ने बड़ा दावा किया है. उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि समस्या केवल कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित है. उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि राज्य के 75 में से 44 जिलों को आवारा पशुओं से मुक्त प्रमाणित किया गया है.

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इंडिया टुडे से खास बातचीत करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में अवैध बूचड़खानों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है और 9 लाख से अधिक आवारा मवेशी आश्रय में हैं. उन्होंने दावा किया कि वह प्राकृतिक खेती का विस्तार करके, इन आवारा पशुओं को किसानों की खेती में कैसे उपयोग किया जाए इसके लिए प्लान तैयार कर रहे हैं. 

गोबर से खुलेंगे कमाई के रास्तेः पीएम मोदी

पिछले रविवार को उन्नाव में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि आवारा पशुओं की समस्या के समाधान के लिए 10 मार्च के बाद नई व्यवस्था की जाएगी. उन्नाव में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'मैं नई व्यवस्था लाऊंगा ताकि लोग गोबर से कमाई कर सकें.' राज्य सरकार की ओर से जारी की गई विज्ञप्ति में कहा गया है कि मंडी परिषद द्वारा उपकर के रूप में प्राप्त 3% आय गौ सेवा आयोग के माध्यम से रजिस्टर्ड गौशालाओं में आवारा मवेशियों के कल्याण पर खर्च की जाएगी.

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राज्य सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश गौशाला अधिनियम के तहत राज्य में स्वयं सहायता समूहों द्वारा संचालित 572 गौशालाएं पंजीकृत हैं, जिनमें से 394 सक्रिय हैं. लगभग 45 पंजीकृत गौशालाओं को 20 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

विज्ञप्ति में कहा गया है कि आवारा पशुओं को खिलाने के लिए संबंधित जिलाधिकारियों को 474 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. सरकार का दावा है कि पशुपालन विभाग के नोडल अधिकारी नियमित रूप से राज्य के सभी 75 जिलों में गोशालाओं की निगरानी और मौके पर ही समस्याओं का समाधान करने की कोशिश करते हैं, ताकि राज्य को आवारा पशुओं से मुक्त किया जा सके.

 

 

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